जानिए शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहूर्त और योग
पितृ पक्ष के खत्म होने के बाद ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। सर्व पितृ अमावस्या यानी आश्विन अमावस्या के अगले दिन से कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि…
नवरात्रि में मां दुर्गा को अर्पित करें उनका प्रिय फूल
आश्विन मास की अमावस्या तिथि को पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है। भक्त इस पर्व के आने का बेसब्री से…
घर में कैसे करें मां दुर्गा की पूजा जानिए पूरी विधि
शारदीय नवरात्रि हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। नवरात्रि में माता रानी की पूजा करने की परंपरा है। इस दौरान भक्त नौ…
नवरात्रों में की जाती है दुर्गा माता की पूजा, जानें नौ रूपों का महत्व
नवरात्र का पर्व साल में 4 बार आता है, जिसमें शारदीय और चैत्र नवरात्र का काफी अधिक महत्व बताया गया है। चैत्र नवरात्र का पर्व गर्मियों के आगमन के साथ…
जानिए नीलम की अंगूठी पहनने के फायदे ?
नीलम, या नील, एक आकर्षक नीला रत्न है जो सदियों से अपनी सुंदरता और ज्योतिषीय महत्व के लिए जाना जाता है। इसे शनि ग्रह से जोड़ा जाता है, और माना…
जरूर याद कर ले गरुड़ पुराण की ये बातें, सफल हो जाएगा जीवन
हिंदू धर्म में 18 पुराणों का वर्णन किया गया है। इन पुराणों में मनुष्य के कल्याण के बारे में बातें कही गई हैं। साथ ही यह भी बताया गया है…
अक्षत के बिना क्यों अधूरी मानी जाती है पूजा? जानिए क्या है अक्षत?
अक्षत एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘संपूर्ण’। हिंदू धर्म में, अक्षत का तात्पर्य पूजा और ऐसे अन्य धार्मिक समारोहों के दौरान देवता को अर्पित किए जाने वाले अखंडित…
कब होगा अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन? तिथि, समय और महत्व
अनंत चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (14वें दिन) को आता है। 2024 में, यह दिन 17 सितंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा,…
पितृ पक्ष: जानिए शुभ परिणाम पाने के लिए आपको किन जानवरों को खाना खिलाना चाहिए
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध के रूप में भी जाना जाता है, 15 चंद्र दिनों की अवधि है जब हिंदू अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं, खासकर भोजन प्रसाद के माध्यम…
आरती क्यों की जाती हैं ? एक- एक बात जानिए विस्तार से
आरती रोशनी का समारोह है. “आरती” पूजा के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है। यह प्रार्थना या शुभ अनुष्ठान समाप्त करने के बाद दिव्य भगवान को प्रसन्न…