
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर सेना की ओर से रोज नए खुलासे किए जा रहे हैं। इस बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डीआईजी एसएस मंड ने जम्मू क्षेत्र में 8 और 9 मई की मध्यरात्रि को ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई को लेकर एक नया खुलासा किया है। डीआईजी मंड ने कहा कि पाकिस्तान के चकबुरा लॉन्च पैड को निशाना बनाया गया और इस दौरान 3 पाक सेना के जवानों और कुछ रेंजरों सहित 7-12 लोग मारे गए थे।
क्या कहा डीआईडी एसएस मंड ने?
बीएसएफ के डीआईजी एसएस मंड ने कहा, ‘रियल टाइम इनपुट के आधार पर हमने सांबा सेक्टर में सीमा पार उनकी हरकत का पता लगाने के बाद 30-40 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह पर एहतियाती हमला किया। हमने पाकिस्तान के चकबुरा लॉन्च पैड को निशाना बनाया। इस दौरान पाक सेना के3 जवानों और कुछ रेंजरों सहित 7-12 लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने बीएसएफ की अग्रिम चौकियों (फॉरवर्ड पोस्ट्स) पर गोलाबारी शुरू कर दी, जिसका बीएसएफ ने मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्हें झटका लगा क्योंकि यह उनके लिए एक आश्चर्य था।’ उन्होंने आगे कहा कि हमले के 1 से 1.5 घंटे के भीतर ही उनका मनोबल टूट गया।
‘महिला बीएसएफ जवान भी सक्रिय थीं’
उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के थे। ऑपरेशन के दौरान महिला बीएसएफ जवान भी सक्रिय रूप से शामिल थीं।’ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल की महिला जवानों ने अपने साहस और शक्ति की शानदार मिसाल कायम की। अखनूर सेक्टर में बीएसएफ की ये महिला जवान पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मन के इरादे पस्त करने के लिए डटी रहीं। बटालियन मुख्यालय में स्थानांतरित होने का विकल्प मिलने के बाद भी संघर्ष के मोर्चे पर डटी रहीं। आईजी आनंद ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्रिम चौकियों पर लड़ने वाली महिला कर्मियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘बीएसएफ की महिला कर्मियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्रिम चौकियों पर लड़ाई लड़ी। हमारी बहादुर महिला कर्मियों, सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली, कांस्टेबल मंजीत कौर, कांस्टेबल मलकीत कौर, कांस्टेबल ज्योति, कांस्टेबल सम्पा और कांस्टेबल स्वप्ना और अन्य ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अग्रिम चौकियों पर लड़ाई लड़ी
सांबा में ‘सिंदूर पोस्ट’ बनाने का प्रस्ताव
बीएसएफ ने खुलासा किया कि सांबा सेक्टर में विशेष रूप से इस ऑपरेशन को समर्पित ‘सिंदूर पोस्ट’ बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह पोस्ट ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और बलिदान का प्रतीक होगी। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान आतंकियों को आगे कर सीमा पर घुसपैठ कराने की योजना बना रहा था और बीएसएफ की पोस्ट्स को नुकसान पहुंचाने की साजिश थी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल इस साजिश को विफल किया बल्कि पाकिस्तान को बड़ा संदेश भी दिया।
भारतीय सेना के एक नायक सहित तीन जवान शहीद
वहीं, बीएसएफ आईजी जम्मू शशांक आनंद ने बताया कि सीमा पार से की गई गोलाबारी से लड़ते हुए भारतीय सेना के एक नायक सहित तीन जवान शहीद हो गए। उन्होंने कहा, ’10 मई की सुबह पाकिस्तान ने हमारी चौकियों को निशाना बनाने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन भेजे। बीएसएफ इन ड्रोनों से सक्रिय रूप से निपट रहा था। हालांकि, ऐसी ही एक घटना के दौरान एक दुखद घटना हुई जब बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार एक ड्रोन का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे थे, इसने एक पेलोड गिरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप तीनों की मौत हो गई।’ आईजी शशांक आनंद ने कहा, ‘हम अपने दो पोस्ट का नाम अपने खोए हुए कर्मियों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा है और सांबा सेक्टर में एक पोस्ट का नाम ‘सिंदूर’ रखा जाएगा।’
