
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल ग्रहों की संख्या 9 बताया गया है। मान्यता है कि इन 9 ग्रहों में सू्र्य देव को राजा माना गया है। सूर्य देव सारे संसार को ऊर्जा और प्रकाश प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को राज्य, औषधि, पिता खाने-पीने की चीजों का कारक माना गया है। मान्यता है कि जो जातक सूर्य देव की उपासना करते हैं वे यशस्वी, तेजस्वी और निरोगी बन जाते हैं। सूर्य देव की उपासना से शरीर का बहुमुखी विकास होता है। इसके साथ ही ज्ञान, सुख, पद, प्रसिद्धि और सफलता मिलती है।
ज्योतिषियों के अनुसार, यदि कारोबार या नौकरी में समस्याएं आ रही हैं तो सूर्य देव की उपासना जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति को राजकीय सेवा भी हासिल होती है। कहा जाता है कि यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है या गड़बड़ हो तो व्यक्ति के अंदर कई तरह के रोग आदि होने लगते हैं। इसलिए कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के लिए कुछ उपाय करते होते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि किस तरह कुंडली में सूर्य देव की स्थिति खराब होती है तो व्यक्ति को किन-किन रोगों से जूझना पड़ता है।
सूर्य का क्या है रोगों और बीमारियों से संबंध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह की अपनी अच्छाइयां और बुराइयां होती हैं। वहीं प्रत्येक ग्रह शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित भी करता है। यदि ग्रह अच्छा होता है तो वह हिस्सा मजबूत होता है, वरना उस स्थान पर कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। बता दें कि सूर्य ग्रह सभी तरह के स्वास्थ्य की मजबूती से संबंध रखता है। यह शरीर के हर तरीके से स्वस्थ रखने में सहायक है। मान्यता है कि कुंडली में सूर्य कमजोर होता है तो व्यक्ति कभी भी स्वस्थ नहीं रह सकता है।
सूर्य कमजोर होने से होते हैं ये बीमारियां
नेत्र रोग-
सूर्य को नेत्रा का कारक ग्रह माना गया है। मान्यता है कि जब कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती हैं तो आंखों से संबंधित समस्याएं होने लगती है। वहीं कुंडली में सूर्य मजबूत होता है तो आंखों से संबंधित हर समस्याओं से निकला जा सकता है। कुंडली में सूर्य कमजोर होने से आंखों में ग्लूकोमा और मोतियाबिंद भी पैदा करता है।
नेत्र रोग से बचने के उपाय
ज्योतिषियों का मानना है कि प्रतिदिन सवेरे उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही सूर्य देव के समक्ष बैठकर सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। हर समय कोशिश करें कि प्रकाश वाले कमरे या घर में ही रहने का प्रयास करें। किसी ज्योतिषी की सलाह लेकर माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं।
हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
मान्यता है कि सूर्य देव का सीधा संबंध हड्डियों की मजबूती से होता है। क्योंकि सूर्य के कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है। जब शरीर में हड्डियों का रोग होता है तो चलने-फिरने में मुश्किलें आने लगती हैं। पीठ और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से परेशान होने लगते हैं।
हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने के लिए करें ये उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव को नित्य प्रातः जल अर्पित करें। सूर्य देव के इक्कीस नामों का भी जाप करें। इसके साथ ही सूर्य देव की ओर पीठ करके बैठें। तांबे के पात्र में जल पीने का प्रयास करें।