
लोक कला और संस्कृति के व्यापक प्रसार में मालवा उत्सव का विशेष महत्व है। मालवा उत्सव को और विस्तार दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने आज इंदौर में आयोजित मालवा उत्सव में कही। डा यादव ने कहा मालवा की कला और संस्कृति का दुनियाभर में व्यापक प्रसार हो इसके लिए भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। कला और संस्कृति से एक से दूसरे देश को तथा मानव सभ्यता को जोड़ने में विशेष महत्व रहता है। उन्होंने कहा मां अहिल्या द्वारा स्थापित संस्कृति की ध्वज पताका आज भी फहरा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उज्जैन महाकाल लोक में ठोस पत्थर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले महाकाल लोक में स्थित सप्तऋषि की प्रतिमाएं आंधी तूफान में गिर गई थी जिसके बाद देशभर में भक्तों ने रोष जताया था।
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के लोक संस्कृति दलों द्वारा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इंदौर से श्रुति शर्मा, मेघा शर्मा के मार्गदर्शन में दलों ने कला प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में नव्या चौरसिया ने कथक नृत्य, डालिया दत्ता ने बंगाली नृत्य पेश किया। इसके अलावा राठवा नृत्य गुजरात, वासावा होली नृत्य गुजरात, बधाई नौरता नृत्य सागर, थात्या नृत्य बैतूल, राम ढोल नृत्य छिंदवाड़ा, लावणी नृत्य मुंबई पेश किया गया। डा गीता शर्मा के इंदौर के दल द्वारा शिव तांडव नृत्य पेश किया गया।
मंच को काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति के रूप में दर्शाया गया। मंच पर भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर, भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग, भगवान नंदी की प्रतिकृति तैयार की गई जो भव्य मंच को और आकर्षक बना रही थी। भव्य मंच पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों को पारंपरिक वेशभूषा, सुमधुर वाद्य यन्त्रों और संगीत पर प्रस्तुत किया। देश के विभिन्न भागों, लोक संस्कृति के दर्शन मालवा उत्सव के माध्यम से नजर आए। मालवा उत्सव में बड़ी संख्या में आमजन, कलाप्रेमी उपस्थित हुए। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मालिनी गौड़ उषा ठाकुर, सावन सोनकर, सांसद शंकर ललवानी, महापौर पुष्प मित्र भार्गव, गौरव रणदीवे, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा, पुलिस कमीशनर राजेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्यजन उपस्थित थे।