इन्दौर, स्वच्छता में नई छलांग लगाने के बाद इंदौर अब प्लास्टिक मुक्त होने की ओर अग्रसर है। शहर में इन दिनों ‘मै भी झोला धारी’ अभियान चल रहा है और उसे प्रोत्साहित करने के लिए खुद कलेक्टर मनीष सिंह ने सिलाई मशीन पर अपना हुनर दिखाया। वही इंदौर कमिश्नर और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाक्टर पवन शर्मा ने भी सिलाई मशीन पर कपड़े का थैला बनाया और पालीथीन की जगह कपड़े का थैले का उपयोग करने का संकल्प लिया।इंदौर के लोगों ने स्वच्छता के क्षेत्र में पांचवीं बार नंबर बनाकर यह बता दिया है कि वे जो ठान लेते हैं, करके दिखाते हैं। सफाई में देश का सिरमौर बना इंदौर अब एक और नया कीर्तिमान बनाने जा रहा है। दरअसल इंदौर शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की कवायद चल रही है और इसके लिए लोगों से प्लास्टिक के बजाय कपड़े के झोले इस्तेमाल करने की बात कही जा रही है। जगह-जगह शासन प्रशासन के सहयोग से स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं इस कार्य को कर रही है। सोमवार को ऐसे ही एक अभियान में खुद कलेक्टर मनीष सिंह पहुंचे और सिलाई मशीन पर जा बैठे। उन्होंने बिल्कुल किसी पारंगत व्यक्ति की तरह कपड़े का थैला सिलकर भी दिखा दिया। साहब, यही जज्बा चाहिए। जब जिले का सबसे बड़ा अधिकारी किसी काम के लिए लोगों को इस तरह से प्रेरित कर रहा है तो स्वाभाविक सी बात है आम आदमी तो प्रेरित हो जाएगा और जज्बा भी आएगा कि हम क्यों नहीं कर सकते।
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इंदौर शहर में ‘मै भी झोला धारी’अभियान 13 दिसंबर से शुरू किया गया है और इस अभियान का यही भाव है कि सड़कों को प्लास्टिक मुक्त कर कपड़ों के झोलों को एक बार फिर बाजार में लाया जाए। इंदौर नगर निगम के इस नवाचार में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम आदमी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। झोला अपनाने के लिए बाकायदा एक गाने की लॉन्चिंग भी की गई है।
प्रतिभा पाल,नगर निगम कमिश्नर इंदौर