आज भी गांव मूलभूत सुविधाओ से वंचित

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एक ओर हमारा देश चांद और मंगल पर पहुंचकर झंडे गाड़ रहा है, लेकिन दूसरी ओर एक हकीकत ये भी है कि देश में स्थित कई गांवों में अभी तक मूलभूल सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाई है. जी हां, हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के करलोटी गांव में अभी तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है, जिससे यहां के लोग मुख्य सड़कों के साथ जुड़ सकें. देश को आजाद हुए करीब 70 साल हो चुके हैं, लेकिन देश की आजादी में योगदान देने वाले 91 साल के स्वतंत्रता सेनानी अमरनाथ डोगरा बीमारी की स्थिति में एंबुलेंस तो छोड़िए, किसी निजी वाहन से भी अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में अमरनाथ के बेटे उन्हें अपनी पीठ पर उठाकर 200 मीटर तक की दूरी तय करते हैं, जिसके बाद वे मुख्य सड़क पर पहुंच पाते हैं.अमरनाथ ने बताया कि उन्होंने विधायक, सांसद से लेकर राज्य सरकार के बड़े-बड़े नेता-मंत्रियों से सड़क बनाने की मांग की, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला. देश की आजादी में हिस्सा लेने वाले अमरनाथ ने जनमंच कार्यक्रम में भी गांव की सड़क का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार की नींद अभी तक नहीं खुली है. अमरनाथ के बड़े बेटे भूपेंद्र पाल डोगरा एक रिटायर फायर फाइटर हैं. उन्होंने कहा कि सरकार बेशक विकास की बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. भूपेंद्र की मानें तो उन्होंने स्थानीय नेताओं से गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए 200 मीटर लंबी सड़क बनाने के लिए कई बार कहा, लेकिन उन्हें सिर्फ नेताओं से आश्वासन ही मिला. स्वतंत्रता सेनानी के बेटे ने कहा कि वे इलाके के पूर्व कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी और मौजूदा बीजेपी विधायक राजेंद्र गर्ग से भी सड़क बनवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.

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