गांधीनगर : गुजरात के स्कूलों में भगवद गीता की पढ़ाई होगी. शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने यह घोषणा की. शिक्षा विभाग के लिए बजट आवंटन पर चर्चा के दौरान विधानसभा में वघानी ने कहा, भगवद गीता में निहित मूल्यों और सिद्धांतों को पेश करने का निर्णय केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप लिया गया है. शिक्षा मंत्री वघानी के मुताबिक स्कूलों में गीता की पढ़ाई का मकसद छात्रों को भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व का एहसास कराना है.
गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए, गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा, सभी धर्मों के लोगों ने प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में उल्लिखित नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों को स्वीकार किया है. कक्षा 6 से 12 के बच्चों को स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को सर्वांगीण शिक्षा के पाठ्यपुस्तक के माध्यम से शास्त्र का परिचय कराया जाएगा. शिक्षा मंत्री वधानी ने बताया, कक्षा 9 से 12 तक की प्रथम भाषा की पाठ्य-पुस्तक में कहानी सुनाने के रूप में भगवद गीता का परिचय कराया जाएगा
गुजरात सरकार की योजना के मुताबिक स्कूलों में धर्मग्रंथों पर आधारित गतिविधियों जैसे प्रार्थना, श्लोक पाठ, समझ, नाटक, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला और भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन कराया जाएगा. शिक्षा मंत्री वघानी ने कहा कि स्कूलों को किताबें और ऑडियो-वीडियो सीडी जैसी अध्ययन सामग्री सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.
गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी, 2022 में गुजरात के एक स्कूल से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे से जुड़ा विवाद सामने आया था.
गोडसे के बारे में बोलने वाले छात्र को स्कूल की ओर से प्रथम पुरस्कार दिया गया है. जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक विवाद बढ़ने पर अधिकारी को निलंबित किया गया है.