विजयवर्गीय के व्यान पर रीवा महापौर का पलटवार; पूरे प्रदेश का पैसा इंदौर के विकास के लिए जाता है

रीवा

रीवा: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय गुरूवार को रीवा में कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने कहा कि मुझे रीवा के नेता व मंत्री राजेंद्र शुक्ला से जलन होती है। इन्होंने कहा कि पहले मैं जब रीवा आता था तो यह गांव देहात जैसा लगता था। लेकिन अब यह पूरी तरह से बदल गया है।

मुझे लगता है जल्द ही रीवा इंदौर को पीछे कर देगा। कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर रीवा महापौर व कांग्रेस नेता अजय मिश्रा ‘बाबा’ ने पलटवार करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश का पैसा इंदौर के विकास में ही तो खर्च होता है। रीवा की तुलना इंदौर से करना बेईमानी है।मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने एक बयान से फिर सबको चौंका दिया। कैलाश विजयवर्गीय ने यह बयान रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में दिया है। उन्होंने भरे मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “मुझे राजेंद्र शुक्ला से जलन होती है”। यह बात सुनते ही एक पल के लिए सभा में मौजूद लोग चौंक गए। वे सोचने लगे कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि विजयवर्गीय ऐसा बोल रहे हैं। लेकिन इसके आगे जो उन्होंने कहा उससे इस लाइन का अर्थ बदल गया।कैलाश विजयवर्गीय का यह बयान अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

इस दौरान महापौर ने कहा किरीवा मध्यमवर्गीय परिवार का शहर है। यहां बड़ी-बड़ी दुकानें बना दी गई हैं, उसे खरीदने वाला कोई नहीं है। सरकारी जमीन जितनी है उसे विकास के नाम पर बेचा जा रहा है। मेडिकल हब बनाने की बात होती है लेकिन रीवा की जनता को इलाज के लिए दूसरे शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है। स्किल डेवलपमेंट के नाम पर सिर्फ इन लोगों ने लूट की है।

विश्व के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट की ये बात करते हैं लेकिन रीवा के ही युवाओं को यहां नौकरी नहीं मिल रही। इंदौर आईटी हब है। रीवा में दो फ्लाई ओवर का निर्माण करा देने से इंदौर से तुलना नहीं की जा सकती है। पूरे प्रदेश का पैसा इंदौर के विकास के लिए ही जाता है।’

इधर सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी का कहना है कि, ‘कैलाश विजयवर्गीय रीवा ही नहीं पूरे देश को काफी नजदीकी से देखे हुए हैं। वे राजेंद्र शुक्ला को लेकर जो बयान दिए हैं वह प्रशंसात्मक बयान था। क्योंकि पहले के मुताबिक अब रीवा पूरी तरह बदल चुका है। डेवलपमेंट के कारण ही रीवा की चर्चा पूरे प्रदेश में होती है। हमें तो दुख इस बात का है कि जब भी रीवा के विकास की बात होती है तो कांग्रेस नेता दूसरी बातें करने लगते हैं उनको लगता है कि कहीं इसका क्रेडिट बीजेपी को न मिल जाए’।

विंध्य लिख रहा विकास की नई कहानी

जनता के बीच सुर्खियों में बने रहना कुछ नेताओं की आदत होती है। इन सबसे अलग राजनीति की नई दिशा तय करते हुए मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने रीवा शहर को महानगरों की दौड़ में शामिल करने का प्रयास किया है। यहां आवश्यकता के अनुसार जो भी मांगा सरकार ने भी पूरा किया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद राजनीति में आए शुक्ला विवादित बयानों से दूर रहते हैं। इनकी इस आदत को जनता ने पसंद किया और लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं। सरकार के आखिरी चरण में भी मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।

रीवा का सबसे बड़ा फ्लाई ओवर।

रीवा का सबसे बड़ा फ्लाई ओवर।

राजेंद्र शुक्ला का क्षेत्र के लिए विकास कार्य
– व्हाइट टाइगर सफारी, मुकंदपुर
– एशिया का सबसे बड़ा 750 मेगावॉट का सोलर पावर प्लांट
-शहर में फ्लाई ओवर
– शहर के चारों ओर रिंग रोड
– मॉडल रोड
– बाइपास
– न्यू बस स्टैंड
– रीवा एयरपोर्ट
– रिवर फ्रंट
– क्रिकेट स्टेडियम
– ईको पार्क
– स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
– सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल
– माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कैंपस
– रीवा एयरपोर्ट
– न्यू कलेक्ट्रेट
– न्यू जिला अदालत
– न्यू सर्किट हाउस

रीवा के प्रस्तावित प्रोजेक्ट

  • इंदौर के 56 मार्केट की तरह रीवा में बनेगा बाजार
  • आईटी पार्क
  • ग्लोबल स्किल पार्क
  • संस्कृत विश्वविद्यालय
अब रीवा विकास की राह पर जिसे देख खुश हुए कैलाश विजयवर्गीय।

अब रीवा विकास की राह पर जिसे देख खुश हुए कैलाश विजयवर्गीय।

ऐसे शहर में हुए चार फ्लाईओवर

दो दशक के आसपास शहर को पहला फ्लाईओवर रतहरा ब्रिज के रूप में एनएचएआई ने दिया था। इसके बाद सिरमौर चौराहा स्थित यमुना प्रसाद शास्त्री फ्लाईओवर दूसरा तो समान तिराहे के पास थ्री लेन वाला सरदार वल्लभभाई पटेल तीसरा फ्लाईओवर​ मिला। अब रेलवे मोड पर चौथा फ्लाईओवर के रूप में ROB मिला है।

रीवा-सीधी मोहनिया टनल।

रीवा-सीधी मोहनिया टनल।

कांग्रेस पार्टी से शुरू की थी राजनीति

राजेन्द्र शुक्ला ने राजनीति की शुरुआत युवा कांग्रेस से की थी। कई वर्षों तक अलग-अलग पदों पर रहे लेकिन पार्टी से मोह भंग हुआ और भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा की टिकट पर वर्ष 2003 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। राजेंद्र शुक्ला खनिज साधन, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, प्रवासी भारतीय विभाग, जनसमपर्क सहित अन्य अहम् विभाग में मंत्री रह चुके हैं।

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