12 करोड़ में मौर्यकालीन स्वर्णिम पंडाल बना, 10 करोड़ के सोने-चांदी के गहनों से मां का श्रृंगार

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  • मां की मूर्ति में 50 किलो सोना, 20 करोड़ में बनी 13 फीट ऊंची नवरात्र की सबसे महंगी प्रतिमा, महिषासुर को भी सोने से सजाया गया
  • 5 दिन खुला रहेगा पंडाल, 10 लाख लोगों के आने का अनुमान, 150 कारीगरों ने तीन माह में बनाया, 300 गार्ड सुरक्षा में तैनात

कोलकाता :पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के भक्तिमयी माहौल के बीच काेलकाता की एक दुर्गा उत्सव समिति ने माता की मूर्ति पर 50 किलो सोना जड़ा है। इसमें 20 करोड़ रु. खर्च हुए हैं। समिति का दावा है कि यह इस नवरात्र में देश की सबसे महंगी मूर्ति है। संतोष मित्र स्क्वेयर पर बने पंडाल में लगी यह मूर्ति 13 फीट ऊंची है। समिति के सचिव सजल घोष ने बताया कि माता को सिर से पैर तक सोने की परतों से मढ़ा गया है। माता की सवारी शेर और महिषासुर को भी सोने से सजाया गया है।

कोलकाता के दुर्गा पंडाल अपने वैभव के लिए दुनियाभर में चर्चित हैं। इस बार कोलकाता सोने सा दमक रहा है। यहां वीआईपी रोड स्थित श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने देश का सबसे महंगा दुर्गा पंडाल बनाया है।

चंद्रयान के चांद तक के सफर को भी दिखाया

  • पंडाल के नजदीक मिशन चंद्रयान-2 का चमकता हुआ मॉडल बनाया गया है। वीआईपी रोड के दोनों किनारों पर प्रकाश सज्जा के माध्यम से चंद्रयान के चांद तक पहुंचने तक के सफर को दिखाया गया।
  • पांच दिन तक यह पंडाल खुला रहेगा। श्रीभूमि के स्पोर्टिंग क्लब के सचिव देवेंद्र गोस्वामी ने बताया कि अनुमान है कि 5 दिन में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग पंडाल देखने पहुंचेंगे।

निगरानी के लिए 300 सुरक्षाकर्मी तैनात किए

मौर्यकालीन महल की थीम पर बने 100 फीट ऊंचे इस पंडाल को बनाने और माता के श्रृंगार में 12 करोड़ रुपए का खर्च आया है। मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, कार्तिकेय और गणपति की मूर्तियों को 10 करोड़ रुपए के सोने के गहनों से सजाया गया है। निगरानी के लिए 300 प्राइवेट और पुलिस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। बांस, लकड़ी और फाइबर से बने इस पंडाल को करीब 150 कारीगरों ने 3 महीने में तैयार किया है।

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