कानपुर एनकाउंटर में बड़ा खुलासा : आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद बाइक से भागा था विकास दुबे, बीच में बदली गाड़ी

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कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद मोस्टवांटेड विकास दुबे बाइक से भागा था। इसके बाद बेला-विधूना रोड पर पहले से मौजूद वैन का भागने में सहारा लिया। मुखबिर के जरिए विकास दुबे को रात साढ़े आठ बजे ही एनकाउंटर की सूचना मिल गई थी। इसकी पुष्टि एनकांउटर में गिरफ्तार उसके गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू ने पुलिसिया पूछताछ में की। ऐसे में साफ है कि उसने हमले के साथ भागने की पूरी तैयारी कर ली थी।

सचेंडी के चैनपुरवा में रात रुकने सूचना पर फूले हाथपांव
सचेंडी इंस्पेक्टर अतुल सिंह को शनिवार रात सूचना मिली की कि वारदात की रात विकास दुबे गुर्गों के साथ क्षेत्र के गांव चैनपुरवा के गड़रियनपुरवा आया था। यहां उसका एक परिचित रहता है, जिसने अपने खेत के ट्यबवेल के पास बने कमरे में रात रुकाई थी। यही नहीं विकास दुबे ने वारदात की रात जिस कार का प्रयोग भागने के लिए किया था, वह कार अब भी परिचित के घर के पास मौजूद है। सूचना पर अलर्ट इंस्पेक्टर ने गड़रियनपुरवा में दबिश देकर एक परिवार के चार सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें सूचना गलत होने की बात सामने आई। इंस्पेक्टर ने बताया कि जिस परिवार से पूछताछ की गई। उसके घर एक रिश्तेदार आया है। उसी रिश्तेदार की कार है।

 सीओ को घेरकर मारा था

पूछताछ में कल्लू ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि घटना वाले दिन जब पुलिस दबिश देने वाली थी तो रात साढ़े आठ बजे चौबेपुर थाने से फोन आ गया था। विकास ने फोन पर बात की। फोन कटने के साथ ही विकास ने कल्लू से कहा कि वह घर के सारे दरवाजे और खिड़की बंद कर ले। खुद अन्य लोगों के बुलाने के इंतजाम में लग गया। ठीक एक घंटे बाद पचास असलहा धारियों के साथ वापस लौटा और कोठी समेत आसपास के घरों में तैनात कर दिया। इसके बाद जब देर रात पुलिस आई तो सभी ने एक साथ फायरिंग शुरू कर दी। 

मुझे मत मारो, तुम लोग ठीक नहीं कर रहे
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र अपनी जान बचाने के लिए विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय के घर कूद गए थे। कल्लू के मुताबिक उन्हें पांच -छह लोगों ने घर में ही घेर लिया। उस दौरान सीओ ने कहा भी कि मुझे मत मारो तुम लोग ठीक नहीं कर रहे हो। वह कुछ और बोल पाते उससे पहले उनके सिर पर गोली मार दी गई।  

बचपन से ही विकास के परिवार ने पाला कल्लू को 
कल्लू ने बताया कि जब वह तीन साल की उम्र का था तभी उसके माता-पिता का निधन हो गया था। तब विकास के पिता रामकुमार और मां सरला देवी ने ही उसे पाल पोसकर बड़ा किया। उसके बड़े होने पर विकास ने उसकी शादी रेखा से करा दी। जिससे उसकी दो बेटियां मुस्कान और महक हुईं। कल्लू ने बताया कि वह विकास के घर और व्यापार से जुड़े सारे काम करता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर उसके लिए गोली भी चलाता है।

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