भारत के युवा पहलवान दीपक पूनिया चोट के कारण विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के फाइनल में नहीं उतर पाए, जिसके कारण उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. पूनिया को 86 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में रविवार को ईरान के हसन याजदानी चाराटी का सामना करना था, लेकिन चोट की वजह से वह मुकाबला नहीं कर पाए.
20 साल के दीपक पूनिया ने सेमीफाइनल में स्विट्जरलैंड के स्टेफन सेइचमुथ को 8-2 से मात दकर फाइनल में जगह बनाई थी. वह पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं. दीपक पूनिया ने पीटीआई से कहा, मेरे बाएं पैर में चोट है. इस हाल में मुकाबले के लिए उतर पाना मुश्किल है. मुझे पता है कि ईरानी पहलवान के खिलाफ लड़ने का एक बड़ा मौका मेरे हाथ से निकल गया.’
दीपक से पहले विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और रवि कुमार दहिया टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर चुके हैं. दीपक के शानदार प्रदर्शन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह मौजूदा चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान रहे.
दीपक के पास भारत के लिए इतिहास रचने का मौका था. अगर वह फाइनल जीत जाते, तो विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बन जाते. दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने 2010 में मॉस्को में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. पूनिया विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने हाल ही में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया था.
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