मध्‍य प्रदेश में दो दिवसीय कोरोना वैक्‍सीनेशन महाअभियान 25 अगस्‍त से

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भोपाल।

मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनता के सहयोग और शासन के प्रयासों से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित है। मध्‍य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान 25 और 26 अगस्त को मनाया जाएगा। 25 अगस्त को पहली और दूसरी दोनों डोज लगाई जाएगी जबकि 26 अगस्त का दिन सिर्फ दूसरी डोज लगवाने के लिए आरक्षित है। उन्‍होंने प्रदेश की जनता से अपील की है कि कोरोना की डोज लगवाकर कोरोना को हराएंं व प्रदेश को कोरोना मुक्त करने में अपना सहयोग करे।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान को सफल बनाने के लिए मंत्रीगण की उपस्थिति में सभी कलेक्टर्स और क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के सदस्यों से वर्चुअल चर्चा की। मुख्यमंत्री ने जन-प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से मुखातिब होकर विस्तृत निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मिलकर इस महाअभियान को कामयाब बनायें।

प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान के लिए तैयार की गई रणनीति के अनुसार 25 अगस्त को 20 लाख लोगों को पहला और दूसरा डोज, 26 अगस्त को 10 लाख लोगों को दूसरा डोज प्राथमिकता से देने का निर्णय लिया गया है। अगस्त माह में भारत सरकार से प्राप्त करीब 74.7 लाख डोज में से 73.9 लाख की खपत हो चुकी है। प्रदेश में महाअभियान के लिए आवश्यक डोजेज की व्यवस्था की गई है। प्रदेश की वैक्सीनेशन के लिए पात्र 5 करोड़ 48 लाख 90 हजार आबादी में से 3 करोड़ 32 लाख को प्रथम डोज और 64 लाख 90 हजार आबादी को द्वितीय डोज लग चुका है। देश में मध्यप्रदेश, गुजरात के बाद सर्वाधिक वैक्सीनेशन करने वाला प्रांत है।

उत्सव का वातावरण बनाएं

चौहान ने कहा वैक्सीनेशन के लिए सबको प्रेरित करें, ये पुण्य का कार्य है। वैक्सीनेशन महाअभियान में आशा और उषा, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही नहीं अन्य विभाग भी सक्रिय भूमिका निभायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी मंत्री इस महाअभियान की तैयारियों पर नजर रखें। उत्सव का वातावरण बनाएं। नागरिक प्रथम डोज लगवाने के बाद लापरवाही बरत रहे हैं। दूसरा डोज न लगवाने से प्रथम डोज का प्रभाव कम हो जाता है। यह बात आमजन को बताते हुए जन-जागरण का कार्य आवश्यक है। सितम्बर माह तक प्रथम डोज शत-प्रतिशत पात्र आबादी को लग जाए, यह लक्ष्य है। पंचायतवार, दूसरे डोज के लिए लाभार्थियों की सूची तैयार कर कार्य हो रहा है। कंट्रोल रूम की स्थापना, कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को पीले चावल देकर वैक्सीनेशन के लिए आमंत्रित करने और अन्य नवाचारों से वैक्सीनेशन के महाअभियान को गति दी जाए। सोशल मीडिया पर भी अपील करते हुए लोगों को प्रेरित किया जाए। विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात व्यक्तियों का भी सहयोग इसके लिए लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाअभियान को इसलिए भी कामयाब बनाना है क्योंकि ये जिंदगी का डोज है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया। वैक्सीनेशन और कोविड अनुकूल व्यवहार ही कोरोना नियंत्रण का प्रभावी माध्यम है। वैक्सीन के लिए प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक संस्था लोगों को प्रेरित करें कि वे वैक्सीन जरूर लगवाएं, जिनका दूसरा डोज ड्यू है उन्हें विशेष रूप से प्रेरित करना है।

कार्यकर्ता करेंगे मोबलाइज

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न धर्मगुरू और समाजसेवी भी इस अभियान से जुड़ जायें तो अच्छी सफलता मिलेगी। प्रदेश में जन-जागरण से सितम्बर माह तक प्रथम डोज के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करना है। दो दिवसीय महाअभियान में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य, करीब एक लाख कोरोना वॉलेंटियर्स, 32 हजार मोबलाइजर्स और 3.75 लाख ब्रिगेड सदस्यों के माध्यम से दूसरी डोज के बैकलॉग लाभार्थियों को जुटाने का कार्य किया जायेगा। महाअभियान में सार्थक लाइट एप पर वॉलेंटियर्स का पंजीकरण भी किया गया है। प्रत्येक वॉलेंटियर को दूसरे डोज के ड्यू 20 लाभार्थी की सूची मोबलाइजेशन के लिए प्राप्त होगी।

प्रथम महाअभियान में इंदौर अव्वल

प्रदेश में 21 जून से 3 जुलाई के मध्य संचालित प्रथम वैक्सीनेशन महाअभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तीन जिलों इंदौर, सीहोर और उज्जैन का रहा है। इंदौर जिले में 21.3 प्रतिशत, सीहोर जिले में 18.2 प्रतिशत और उज्जैन जिले में 16.5 प्रतिशत पात्र आबादी को प्रथम डोज लगाया जा चुका है। इंदौर शहर वैक्सीनेशन में प्रदेश में प्रथम है। यहाँ 95 प्रतिशत लोग प्रथम डोज और 27 प्रतिशत लोग द्वितीय डोज लगवा चुके हैं। शहरी क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य अच्छा हुआ है। भोपाल शहर में प्रथम डोज 85 प्रतिशत और दूसरा डोज 25 प्रतिशत लोग लगवा चुके हैं। अन्य जिलों में हरदा की स्थिति भी बहुत अच्छी है, जहाँ 82 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है।

मध्यप्रदेश का मॉडल सराहा गया

सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोविड के संकट को रोका है। जनता की भागीदारी से यह कार्य आसान हुआ। मध्यप्रदेश के मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई है। समाजसेवी और कार्यकर्ता पात्र लोगों को वैक्सीनेशन केंद्रों तक लाने के साथ ही उनका सहयोग भी करेंगे। शर्मा ने आशा व्यक्त की कि तीसरी लहर की आशंका से बचने के लिए सरकार और सभी संगठन, दल और नागरिक मिलकर कार्य करते हुए इतिहास बनायेंगे।

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