मध्य प्रदेश की राजनीति में अतिथि विद्वान की आत्म हत्या के चलते भूचाल आ गया है। आर्थिक तंगी और नौकरी की अनियमितता के चलते अतिथि विद्वान ने घर में फांसी लगा ली है। इस मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर प्रदेश के मुख्य मंत्री से कहा कि, अभी और कितनी मौत का इंतजार करेंगे, संजय कुमार की आत्महत्या ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है।
उमरिया जिले के चंदिया महाविद्यालय में 2013-14 से क्रीडा अधिकारी के पद पर पदस्थ अतिथि विद्वान के रूप में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सोहलाई पगड़ी गांव के रहने वाले संजय कुमार ने प्रदेश सरकार की नीतियों और आर्थिक तंगी से परेशान होकर फांसी लगा ली। उनकी पत्नी लालसा देवी ने बताया कि, 8-9 माह से वेतन नहीं मिला था, हमेशा कहते रहते थे कि बच्चों का क्या होगा। सरकार कभी भी निकाल कर बाहर कर देगी, हमारी नौकरी का क्या होगा, बच्चे भी बड़े हो रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को इस मामले की जानकारी लगते ही, उन्होंने ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए हैं, जिससे प्रदेश में राजनैतिक भूचाल सा आ गया है।
वहीं अतिथि विद्वान संघ के अध्यक्ष डॉक्टर मंसूर अली ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, आज पूरे मध्य प्रदेश के अतिथि विद्वान दुविधा की स्थिति में हैं। कांग्रेस सरकार ने उनसे वचन पत्र में नियमितीकरण का वादा किया था और एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, और लगभग ढाई हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ 6 से 7 माह से वेतन नहीं मिला है, जिसके चलते अभी पता चला है कि बजट आ गया है, लेकिन ट्रेजरी के चलते पेमेंट नहीं हो पा रहा है और ये संजय कुमार भोपाल में आंदोलन का हिस्सा भी रहे हैं। ये हमेशा कहते थे कि हम क्या करेंगे, आर्थिक तंगी में रहे हैं। अभी भोपाल के शाहजानी पार्क में आंदोलन चल रहा है और कांग्रेस सरकार अभी तक कोई नीति नहीं बना पा रही है। बहरहाल पुलिस को शव के पास एक सुसाईड नोट मिला है, जिसमें अपनी मर्जी से खुदकुषी करना लिखा है।