मध्य प्रदेश में हिट एंड रन को लेकर बनाए गए नए कानून का जोरदार विरोध हो रहा है. इस कानून को लेकर कानून के जानकार भी कई बिंदुओं पर सहमत नहीं है. हालांकि इस अधिनियम को कई एक्सपर्ट जनहित में भी बता रहे हैं. कानूनी मामलों के जानकारों का दावा है कि सभी मामलों में ड्राइवरों को 10 साल की सजा और लाखों का जुर्माना नहीं होगा.
हाई कोर्ट के वरिष्ठ अभिभाषक वीरेंद्र शर्मा के मुताबिक, “सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चल रहे कानून को बदल दिया है. अंग्रेजों के जमाने में बड़े वाहन केवल अंग्रेजों के पास ही रहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी बचत के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों को लचीला बनाया था. इन नियमों में संशोधन बेहद जरूरी था.” उन्होंने बताया कि “सरकार ने धारा 106 के तहत नए कानून को मजबूत बनाया है, जिसमें एक्सीडेंट होने पर लाखों का जुर्माना और वाहन चालक को अधिकतम 10 साल तक की सजा हो सकती है.”
‘नए कानून में कुछ संशोधन की गुंजाइश’
सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को हाई कोर्ट के वरिष्ठ अभिभाषक वीरेंद्र शर्मा ने सही बताया है. हालांकि व्यक्तिगत रूप से यह भी कहा कि “कानून में कुछ संशोधन की गुंजाइश भी है.” उन्होंने बताया कि “यदि कोई भी व्यक्ति दुर्घटना के बाद सूचना संबंधित थाने या मजिस्ट्रेट को देता है, तब भी उसे पर उन धाराओं में कार्रवाई होगी, जिन धाराओं में सूचना नहीं देने वाले वाहन चालक पर होती है.” एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा के मुताबिक, “थाने पर सूचना देने वाले वाहन चालक को सजा या जुर्माने में छूट दी जाना चाहिए, जिससे वह दुर्घटना होने पर अपनी गलती छुपाने की बजाय आगे आकर उसे स्वीकार कर ले. इस प्रकार का संशोधन इन धाराओं में संभावित है.”
‘नए कानून से दुर्घटनाओं में होगी कमी’
दूसरी तरफ हाई कोर्ट के एक अन्य अधिवक्ता प्रदीप गोस्वामी के मुताबिक, “सरकार द्वारा लाए गए नए कानून से दुर्घटनाओं में कमी आएगी. इसके अलावा नशे की हालत में वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को भी खास चेतावनी मिल गई है. दुर्घटना के मामले में अभी तक बेहद कड़ी सजा का प्रावधान नहीं था. इन धाराओं से आने वाले समय में दुर्घटनाओं में कमी आने की पूरी उम्मीद है.” उन्होंने इस दौरान कहा कि “हालांकि ड्राइवरों की कई मांग भी उचित है. यदि दुर्घटना के बाद वह मौके पर रुकता है, तो भीड़ के हमले का शिकार भी बन सकता है.”