इंदौर।
कोरोना महामारी और उसे रोकने के लिए लगाए गए लाकडाउन के कारण तीन हजार परिवारों के गृह प्रवेश पर ताला लग गया है। इन परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इंदौर नगर निगम की मदद से फ्लैटों की बुकिंग कराई है। हालत यह है कि न तो फ्लैटों के बचे काम पूरे हो पा रहे हैं, न किसी को फ्लैट की चाबी मिल रही है। एक अहम समस्या फंड की कमी की भी है।
इंदौर नगर निगम शहर सीमा में 10 जगह प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों के लिए फ्लैट बनवा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत करीब दो हजार करोड़ रुपये की लागत से इंदौर में 15 हजार फ्लैट बनाएं जाना है। इनमें से तीन हजार फ्लैट अब तक अलग-अलग जगह बुक किए जा चुके हैं। दो स्थान ऐसे हैं, जहां निर्माणाधीन फ्लैटों का काम दो से तीन महीने में पूरा कर लोगों को पजेशन दिया जा सकता है। इनमें देवगुराड़िया (ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास) और बायपास स्थित ओमैक्स सिटी के पीछे बनाए जा रहे फ्लैट शामिल हैं। निगम ने फ्लैटों की बुकिंग 2019 से शुरू की थी। फ्लैट तैयार नहीं होने से निगम खरीदारों के नाम उनकी रजिस्ट्री भी नहीं करवा पा रहा है। लाकडाउन के कारण बिहार-पश्चिम बंगाल के मजदूर लौट गए हैं, इसलिए काम ठप है।
यहां भी बनाए जा रहे हैं फ्लैट
भूरी टेकरी, कनाड़िया गांव, पितृ पर्वत के पास गुलमर्ग परिसर, सुपर कारिडोर पर बुढ़ानिया गांव, सनावदिया और रंगवासा में भी इंदौर नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट बनाए जा रहे हैं। वन बीएचके के फ्लैट 7 लाख और 2 बीएचके के फ्लैट करीब 14 लाख रुपये में बेचे जा रहे हैं। हर फ्लैट के निर्माण पर केंद्र और राज्य सरकार निगम को तीन लाख रुपये दे रही है।
दो जगह दो महीने में पूरा कर देंगे काम
इंदौर नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा के अनुसार काम तेजी से शुरू होगा, तो देवगुराड़िया में निर्माणाधीन 370 और पितृ पर्वत के 300 फ्लैट दो महीने में तैयार कर उनके पजेशन दे दिए जाएंगे। इसके अलावा बचे निर्माणाधीन फ्लैटों का काम पांच से छह महीने में पूरा हो जाएगा और निगम अब तक बुक हुए सभी तीन हजार फ्लैटों का पजेशन दे सकेगा। इनमें सिलिकान सिटी में बनाए जा रहे 1000 फ्लैट भी शामिल हैं। बुकिंग कराने वालों में अब तक किसी से पांच तो किसी ने 10 प्रतिशत राशि जमा की है।