इस्लाम में ब्याज जायज नहीं; दुनिया से कहो- दम हो तो पैसा वापस लेकर दिखाएं:हुसैन रिज़वी धर्म गुरु

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इमरान सरकार को दुनिया का कर्ज न चुकाने की सलाह खादिम हुसैन रिजवी ने एक जलसे में दी

इस्लामाबाद.पाकिस्तान के एक शीर्ष धर्मगुरु ने इमरान खान सरकार को अर्थव्यवस्था सुधारने का अजीब तरीका सुझाया है। मौलाना खादिम हुसैन रिजवी के मुताबिक, इस्लाम में ब्याज जायज नहीं है। लिहाजा, सरकार उन मुल्कों को यही हवाला देकर सूद देने से इनकार कर दे, जिनसे कर्ज लिया है। धर्मगुरु ने कर्ज पर दूसरी सलाह भी दी। उन्होंने कहा, “जिन देशों का हमें कर्ज लौटाना है, उनसे कहें कि जब हमारे पास होगा तो देंगे, आपमें दम हो तो लेकर दिखाएं।”

पाकिस्तान पर करीब 92 अरब डॉलर का कर्ज है। इमरान सरकार ने सिर्फ एक साल ही में करीब 16 अरब डॉलर का कर्ज लेकर कई किश्तें चुकाई हैं। यह दिवालिया होने से बचने की कोशिश है।

एक झटके में सुधर जाएगी अर्थव्यवस्था
रिजवी की सरकार को सलाह का यह वीडियो पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट किया। सोशल मीडिया पर यह काफी वायरल हो चुका है। इसमें रिजवी पंजाबी में कहते हैं, “देश का कर्ज उतारने का नुस्खा मेरे पास मौजूद है। और ये मैं मुफ्त दे रहा हूं। पूरी दुनिया से कहो- इस्लाम में सूद यानी ब्याज देना जायज नहीं है। इसलिए आप निकलो। असल पैसे (मूलधन) जरूर देंगे, लेकिन वो भी तब, जब ये हमारे पास होंगे। वो जबरदस्ती करें तो आप उनसे कहो कि आओ निपट लो। ये लो जी, पाकिस्तान का कर्ज उतर गया। पाकिस्तान के हालात ठीक करना तो एक मिनट का काम है।”

पाकिस्तान पर कर्ज 100 अरब डॉलर के करीब

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अक्टूबर 2019 तक पाकिस्तान पर करीब 91.8 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था। 4 सितंबर को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 157 के स्तर पर था। पाकिस्तान को डिफॉल्टर होने से बचने के लिए फौरी तौर पर 1200 करोड़ डॉलर की जरूरत है। एक बड़ी दिक्कत टैक्स वसूली और टैक्स पेयर्स की कमी है। 22 करोड़ जनसंख्या में से सिर्फ 12 लाख लोग ही टैक्स पेयर हैं। इनमें से 5 लाख लोग जीरो टैक्स भरते हैं। यानी कागजी खानापूर्ति करते हैं।

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