केंद्र, असम सरकार और उल्फा के बीच शांति वार्ता स्वतंत्रता दिवस के बाद राष्ट्रीय राजधानी में होगी। संगठन के नेता अनूप चेतिया ने कहा कि हम आम चुनावों से पहले सरकार के साथ किसी समाधान पर पहुंचने की उम्मीद करते हैं। अगर वे हमारे (उल्फा समर्थक वार्ता गुट) साथ समझौते पर हस्ताक्षर करती है तो असम की समस्या सुलझ जाएगी। अनूप पूर्वोत्तर में विश्व स्वदेशी पीपुल्स फोरम के एक कार्यक्रम में भाग लेने यहां आए थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि शांति वार्ता 2024 से पहले समाप्त हो जाएगी। उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने 2011 में केंद्र के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन अब तक अंतिम समाधान नहीं निकला है। गुट ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल के दौरान बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई थी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद हमारी चर्चा नई दिल्ली में केंद्र और असम सरकार के प्रतिनिधियों से होगी।