भारी बारिश के चलते राजस्थान के कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। हाड़ौती, बारां, कोटा सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बेकाबू होती जा रही है। इन हालातों से निपटने के लिए राज्य की गहलोत सरकार ने सेना की मदद मांगी है। भारतीय सेना ने तुरंत मदद देते हुए यहां 100 से ज्यादा जवान भेज दिए हैं। इन जवानों ने शुक्रवार की देर रात राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सेना सबसे पहले डोडिया मोहल्ले में फंसे 20 से ज्यादा लोगों को बचाने में जुटी हुई है।
राजस्थान में पिछले 7 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से प्रदेश के कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
राहत और बचाव कार्य में जुटे जवानों की मदद के लिए स्थानीय लोग भी आगे आए हैं। सबसे पहले जवानों ने नाव के जरिए डोडिया मोहल्ले में फंसे 20 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू करने का ऑपरेशन शुरू किया है। वहीं सांगोद कस्बे के मुख्य बाजार में 6 से 7 फीट पानी है और कई जगहों पर 8 से 9 फीट पानी है। सेना के आने पर लोगों की हिम्मत बंधी है और कस्बे के लोग ऊंचाई वाले स्थानों पर चले गए हैं।
भीमसागर के गेट खुलने से बाढ़ जैसे हालात
लोगों का कहना है कि झालावाड़ जिले में उजाड़ नदी पर बने भीमसागर डैम के पांच गेट खोले गए हैं और इससे 30000 क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी हुई है। यही पानी बाढ़ की वजह बना है। सांगोद कस्बे में भी यह बाढ़ उजाड़ नदी में उफान के कारण ही आई है। लोगों ने बताया कि नदी में पानी इतनी तेजी से आया कि 3 घंटे में कई फीट पानी भराव हो गया।
70 से 80 हजार लोग फंसे
बाढ़ के कारण 70 से 80 हजार की आबादी का कस्बा टापू बन गया है। यहां पानी इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। देखते ही देखते 3 घंटे में कई फीट पानी भराव हो गया। उजाड़ नदी की कोटा रोड की पुलिया पर करीब 25 से 30 फीट पानी की चादर चल रही है। बाढ़ के कारण दुकानों में पानी भर जाने से कस्बे के व्यापारियों को बड़ा भारी नुकसान होने की संभावना है। लोग बाढ़ के पानी का उतरने का इंतजार कर रहे हैं। कई लोग छतों पर रात गुजार रहे हैं।