शासकीय भूमि को धोखाधड़ी कर या अवैध रूप से क्रय-विक्रय करने वालों के विरूद्ध भी होगी सख्त कार्यवाही

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शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, अवैध निर्माण करने तथा दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के लिये चलाया जायेगा ऑपरेशन क्लीन अभियान

शासकीय भूमि को धोखाधड़ी कर या अवैध रूप से क्रय-विक्रय करने वालों के विरूद्ध भी होगी सख्त कार्यवाही

इंदौर जिले में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, अवैध निर्माण करने, दुरूपयोग करने अथवा धोखाधड़ी कर या अवैध रूप से उसका क्रय-विक्रय करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के लिये अभियान चलाया जायेगा। कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव की पहल पर इस अभियान के अंतर्गत राजस्व विभाग, नगर निगम, पुलिस सहित अन्य संबंधित विभागों द्वारा इस अभियान के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। इस अभियान का नाम ऑपरेशन क्लीन (Operation CLEAN – Combat against Lumpen Elements & their illegally Acquried Networth) रखा गया है।
इस अभियान के संबंध में आज कलेक्टर कार्यालय में अपर कलेक्टर श्री दिनेश जैन द्वारा पत्रकारवार्ता की गई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री बी.बी.एस. तोमर तथा श्री पवन जैन भी मौजूद थे। श्री दिनेश जैन ने बताया कि व्यवसायिक दृष्टि से इंदौर अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। यह राजस्व संग्रहण की दृष्टि से भी प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। विशेषकर पूरे प्रदेश को पंजीयन शुल्क से प्राप्त होने वाले राजस्व का लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा इंदौर का है, जो इंगित करता है जिले में बड़े स्तर पर भूमि संबंधी खरीद फरोख्त हो रही है। जानकारी के अभाव में विक्रेता द्वारा किये गये छल के कारण ऐसी संपत्ति में नागरिकों द्वारा अपने पूरे जीवन की आय प्लॉट अथवा रहवासी मकान में निवेश कर दिया जाता है, जिसका संव्यवहार वर्जित है। इनमें शासकीय, नजूल, सीलिंग, ग्रीन वेल्ट आदि भूमि शामिल हैं। विभिन्न स्त्रोतों द्वारा यह भी जानकारी संज्ञान में लाई गई कि इंदौर नगर पालिका सीमा एवं समीपस्थ ग्रामों में भी कुछ व्यक्तियों/समूहों द्वारा शासकीय भूमि के अवैध संव्यवहार (विशेषकर नोटरी के माध्यम से) किये जा रहें हैं, जिसके कारण भविष्य में न सिर्फ कानूनी विवाद निर्मित होगें अपितु शांति व्यवस्था प्रभवित होने की आशंका भी बनी रहेगी।
यह भी उल्लेखनीय है कि विगत 3 वर्षों से लगातार देश में स्वच्छता में नंबर वन रहे इंदौर शहर की अंतर्राष्ट्रीय छवि निर्मित हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ छवि के अनुरूप यह नितांत आवश्यक है कि सभी नियमों का पालन कर रहे व्यक्तियों को अपना कारोबार करने हेतु एक स्वच्छ वातावरण उपलब्ध रहे, जिसके लिये भूमि संबंधी विवादों पर नियंत्रण आवश्यक है। इस उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए इंदौर जिले में ऑपरेशन क्लीन इंदौर प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत असामाजिक तत्वों द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध विशेष अभियान अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। ऑपरेशन क्लीन के अंतर्गत सूचना तंत्र विकसित किया जायेगा। भू माफिया/अन्य असामाजिक तत्व के विरूद्ध कार्यवाही करते हेतु सर्वप्रथम एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सूचना तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य हेतु एक नवीन ईमेल आईडी op.cleanindore@gmail.com तैयार की गई है, जिसके उपयोग का अधिकार राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को ही होगा। भू-माफिया, असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्जे/संपत्ति की जानकारी इस ई-मेल पर दी जा सकती है।
अवैध कब्जे पर शासकीय सुविधाओं की जानकारी- ई-मेल अथवा अन्य स्त्रोतों से प्राप्त हो रही जानकारी के सत्यापन के साथ उक्त संपत्तियों पर बिजली-पानी के कनेक्शन की जानकारी भी संकलित की जायेगी। भूमाफिया द्वारा किये गये अवैध कब्जे अथवा भूमि पर बिना अनुमति के किये गये निर्माण/अन्य अवैध संरचनाओं को हटाने की कार्यवाही की जायेगी।
आईटी सर्विलेंस – वर्तमान में शासकीय भूमि पर निर्मित अवैध संरचनाओं को हटाने के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि भविष्य में शासकीय भूमि पर इस तरह के निर्माण न हो। इसके मद्देनजर आधुनिक सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सैटेलाइट इमेजरी के माध्यम में शासकीय भूमि का सर्विलेंस किया जाएगा एवं सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण के आधार पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी समय-समय पर प्राप्त होती रहेगी। वर्तमान में सॉफ्टवेयर निर्माणाधीन है, जिसका लॉन्च अक्टूबर प्रथम सप्ताह में किया जाना प्रस्तावित है।
शासकीय सेवकों का शासकीय भूमि के संरक्षण का दायित्व- राजस्व विभाग के साथ-साथ नगर निगम भी शासकीय भूमि के संरक्षक के रूप में निरंतर कार्य करते रहें। इसके लिये राजस्व, नगर निगम एवं पुलिस की जॉइंट टीम शासकीय भूमि पर हो रहे अनाधिकृत कब्जे के संबंध में संयुक्त भ्रमण पाक्षिक कर कार्यवाही करेगें। शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण के संबंध में प्रतिवेदन नहीं करने की स्थिति में संबंधित राजस्व/नगर निगम के अधिकारी/शासकीय सेवक की सेवा समाप्ति की कार्यवाही भी की जायेगी।
साथ ही अन्य शासकीय विभागों को आवंटित भूमि के भौतिक सत्यापन एवं अतिक्रमण से सुरक्षित करने हेतु संबंधित विभाग के अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
भू माफिया के विरूद्ध अन्य कार्यवाही – बड़े पैमाने पर भूमि संबंधी अपराधों में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण, जिला बदर अथवा एनएसए की कार्यवाही भी की जाएगी।
नोटरीकर्ता द्वारा भारतीय स्टांप अधिनयम 1899 एवं रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 का पालन- भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 की धारा 37 अंतर्गत नोटरीकर्ता को लोक कार्यालय घोषित किया गया है। समस्त नोटरीकर्ता से भी अपेक्षा की गई है कि ऐसा कोई कृत्य ना किया जाए, जिसके कारण शासन को राजस्व की हानि हो। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 के अंतर्गत जिन दस्तावेजों का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है उन दस्तावेजों को भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 द्वारा में उल्लेखित प्रावधान अनुसार दस्तावेजों के सत्यापन हेतु अपेक्षित मूल्य के स्टांप से कम के स्टांप पर प्रस्तुत दस्तावेजों को नोटरी द्वारा सत्यापन नहीं किया जा सकेगा। ना ही निर्धारित मूल्य से कम मूल्य के स्टांप पर निष्पादित दस्तावेजों का सत्यापन किया जा सकेगा। शासकीय भूमि के संबंध में यदि किसी नोटरीकर्ता द्वारा बिना परीक्षण के नोटरी की गई तो उनके विरूद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

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