प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन में भावुक हो गए शिवराज, भारतवंशियों से दोनों हाथ जोड़कर मांगी माफी

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इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान सीएम ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों से दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगी। सीएम ने कहा कि व्यवस्था में कोई कमी नहीं रह गई, लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता इतनी है कि हॉल छोटा पड़ गया।

 

शिवराज बोले- मेरा मन भाव-विभोर है
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरा मन भाव-विभोर है। तीन दिन तक आपका साथ रहा। इंदौर आपसे एक रूप हो गया। सचमुच में इंदौर ने तैयारी वैसी की, जैसी बेटी की शादी के लिए करते हैं। बेटी की शादी जैसा इंदौर का स्वागत-सत्कार। जब बेटी की बिदाई होती है तो मन में तकलीफ भी होती है। मैं ‘पधारो म्हारे घर’ कार्यक्रम में गया था। वहां ऐसा लगा जैसे दो परिवार नहीं मिले हों बल्कि दो देश जुड़ गए हों। तीन दिन आनंद, उत्सव और उमंग के थे। तीन दिन कैसे कट गए, पता ही नहीं चला। अब मन सोचकर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे। यहीं रह जाओ न। जो बात इस जगह है, वह कही भी नहीं।

शिवराज ने कहा, मैं एक बात और बता दूं। मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट करेंट प्राइसेज पर 19.76 है। देश में सबसे ज्यादा। भारत की जीएसडीपी में हमारा योगदान पहले 3.6% हुआ करता था अब 4.6% है। आज मध्यप्रदेश, हिन्दुस्तान का फूड बास्केट है। गेहूं के उत्पादन में हमने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश नंबर एक पर पहुंच गया है। एक नहीं अनेकों उपलब्धियां है। मैं विस्तार में नहीं जाऊंगा। लेकिन मध्यप्रदेश अद्भुत राज्य है। खेती के मामले में हमारा बासमती राइज, शरबती गेहूं मध्यप्रदेश की अलग पहचान है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में, गुड गवर्नेंस में, मध्यप्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल मैं गया था पधारो म्हारे घर कार्यक्रम में होम स्टे वहां संस्मरण सुना रहे थे। एक बहन ने कहा, पहले तो मैं डर रही थी दूसरे घर कैसे जाऊं, जाऊं या नहीं जाऊं…. लेकिन उस घर में रहकर उस घर की ही हो गई। हमारे प्रवासी भारतीय भावविभोर थे। मेहमान से ज्यादा भावविभोर थे मेजबान… ऐसा लगा दो परिवार नहीं मिले हों, दो देशों को जोड़ दिया हो। सचमुच में 3 दिन से सभी तरफ इंदौर की चर्चा हो रही है, मध्यप्रदेश की चर्चा हो रही है, भारत की चर्चा हो रही है। मैं सच कहता हूं, यह कार्यक्रम केवल सरकार का कार्यक्रम नहीं था। जयशंकर जी की टीम (विदेश मंत्रालय) लगी थी। मध्यप्रदेश की टीम लगी थी। लेकिन इंदौर की जनता ने जी-जान से जुड़कर यह कार्यक्रम किया है। प्रधानमंत्री कह रहे थे कि इंदौर स्वच्छता, स्वाद की राजधानी है। इंदौर जनभागीदारी और जनसहभागिता की भी राजधानी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जाने से पहले हमने आपसे ग्लोबल गार्डन में पेड़ लगाए। हर देश के प्रतिनिधि ने पेड़ लगाया। हमने आपने पेड़ के बंधन से बांध लिया है। जिन्होंने पेड़ लगाए, उन्हें क्यूआर कोड भी दे रहे हैं। आप स्कैन करेंगे तो आपका लगाया पेड़ आपको दिखेगा। वह पेड़ आपको आपको हमारी याद दिलाता रहेगा। प्रधानमंत्री ने वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र दिया है। हम इस पर काम कर रहे हैं। विदाई की बेला आ गई है। इंदौर की यादों को लेकर विदा लेना। जब तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे। तुम बिन लागेगा कन्वेंशन सेंटर सूना-सूना.. तुम बिन लागेगा राजवाड़ा सूना-सूना… सराफा सूना-सूना… राजवाड़ा सूना-सूना… तुम बिन लागेगा इंदौर सूना-सूना। सितारों को आंखों में महफूज रखना, बड़ी दूर तक रात ही रात होगी। मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी, फिर किसी मोड़ पर मुलाकात होगी। कसर छोड़ी न थी। पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ही ऐसी है कि हॉल छोटा पड़ गया। दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। हमारा प्यार दिल में रखकर जाइये और हमें याद रखिये।

सोमवार को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में शामिल होने के लिए 70 देशों से करीब 3500 एनआरआई इंदौर पहुंचे थे, लेकिन रजिस्ट्रेशन और आई कार्ड पास होने के बावजूद उन्हें कार्यक्रम हॉल में जाने नहीं दिया गया था। प्रवासी भारतीय अपने साथ किए गए इस व्यवहार से काफी आहत हुए थे और उन्होंने मीडिया के जरिए अपनी बात कहते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान को खराब व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

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