हाई अलर्ट पर गांधीसागर, मंदसौर से भोपाल तक मची हलचल
मालवा के सबसे बड़े बांध पर मंडराया संकट, 300 किमी तक खतरा
मध्यप्रदेश के उज्जैन संभाग के प्रमुख जिले मंदसौर में भारी बारिश के बाद गरोठ-भानपुरा इलाके के गांधीसागर बांध पर खतरा मंडरा रहा है। बांध में पानी की भारी आवक हो रही है और इसे छोडऩे की क्षमता कम पड़ लगने लग गई है। दबाव बढऩे की आशंका में बांध वाले इलाको को प्रतिबंधित कर दिया गया है तो आवाजाही रोक दी गई है। करीब 300 किमी के एरिया में इस बांध के पानी का खतरा बढऩे लगा है। ताजा हालातों के बाद मंदसौर से लेकर भोपाल तक हलचल मची है लोग दहशत में है।
19 गेट खुले फिर भी काबू में नहीं आ रहा पानी
गांधीसागर बांध के रविवार को सुबह तक 19 गेट खोल दिए गए है। पानी की आवक करीब 10 से 12 लाख क्यूसैक तक आ गई है, जबकि बांध से महज 5 लाख क्यूसैक तक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे बांध में पानी का दबाव लगातार तेज होने से बिजली उत्पादन यूनिट बंद कर दी गई है तो पॉवर हाउस में भी बांध का पानी घुस गया है। मशीन और जनरेटर भी डूब गए है। नंबर 3 से आगे वाहनों को भी नहीं जाने दे रहे है। मुख्य पुलिया के पिल्लर डेमेज होने की संभावना है तो लाइट नेटवर्क ठप हो गया है।
मध्यप्रदेश के साथ राजस्थान तक बढ़ा खतरा
गांधीसागर बांध से करीब 41 गांव व 5 जिले सीधे तौर पर प्रभावित होते है, बांध का पानी राजस्थान के कोटा, रावतभाटा सहित श्योपुर, यूपी के इटावा से यमुना नदी के क्षेत्र की ओर जाता है। करीब 300 किमी के एरिया में 23 गांव तक गांधीसागर का पानी रहवासी इलाकों के साथ खेतों की ओर से गुजरता है, इससे कई सहायक नदियों का कैचमेंट भी जुड़ा होने से खतरा और ज्यादा गहरा जाता है, फिलहाल लोग गांधीसागर बांध के पानी की आवक को देखते हुए ईश्वर से प्रार्थना करने में जुटे हैं।