जानिए किस जगह के लाेगाें का पसंदीदा बन चुका है मिर्ची वाला रसगुल्ला

Uncategorized लाइफ स्टाइल

रांची : कोलकाता के सफेद-पीले रंग के रसीले रसगुल्ले देखते या उनका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. खाने को जी ललचाने लगता है, दूसरी तरफ है हरी मिर्च जिसका तीखापन जेहन में तुरंत आ जाता है. ये दोनों अगर एक साथ मिले तो आप क्या कहेंगे या क्या करेंगे. लेकिन आज हम आपके सामने ला रहे हैं अनोखे स्वाद से भरा हरी मिर्च के साथ रसीले रसगुल्ले का अनोखा कॉम्बिनेशन.

मिर्ची वाले रसगुल्ले
मिर्ची वाले रसगुल्ले

आपने रसगुल्ला का स्वाद तो लिया ही होगा और हरी मिर्च भी जरूर खायी होगी. पर हम कहें कि मिर्च वाला रसगुल्ला का स्वाद कैसा होगा तो आप क्या कहेंगे? पेंडेमिक कोरोना काल में व्यवसाय के बदलते ट्रेंड ने मिठास घोलते रसगुल्ले में भी फ्यूजन का तड़का लगा दिया है. इम्यूनो बूस्टर रसगुल्ला और कैंडी बार रांची में पहले ही बन चुका है. अब एक मिठाई वाले ने हरी मिर्ची वाला रसगुल्ला बनाया है, जी हां तीखी मिर्च के साथ मीठा-मीठा आपका मनभावन रसगुल्ला.

मिर्ची वाले रसगुल्ले
मिर्ची वाले रसगुल्ले

हरी मिर्च वाला रसगुल्ला के साथ और भी कई आइटम
राजधानी रांची में सिंह मोड़ के पास मिठाई का व्यवसाय करने वाले गोपाल बर्णवाल इसके शाहकार हैं. लोगों के बीच अनोखा स्वाद परोसने की चाह ने उनको हर बार कुछ नया करने के लिए उत्साहित किया.

वो कहते हैं कि ना सिर्फ हरी मिर्च बल्कि गुलाब की पंखुड़ियों वाला रसगुल्ला के साथ साथ हल्दी वाला रसगुल्ला, फल, ड्राइ फ्रूट्स वाला रसगुल्ला सभी एक से बढ़कर एक हैं और लोग इनको पसंद भी कर रहे हैं. गोपाल बर्णवाल कहते हैं कि इसे बनाने में ना किसी रासायनिक चीजों का इस्तेमाल या खाने योग्य रंग तक का इस्तेमाल इनमें नहीं किया गया है.

मिर्च वाला रसगुल्ला सबसे पसंदीदा
अब मिर्च, तरबूज समेत कई अनोखा स्वाद वाला रसगुल्ला लोगों को आकर्षित कर रहा है. दूर-दूर से लोग हरी मिर्च का तीखापन के साथ रसगुल्ला का मीठा स्वाद लेने लोग यहां पहुंच रहे हैं. जिन बच्चों को मिर्च पसंद नहीं वो भी इसके दीवाने हैं. खास बात है कि इसको तैयार करने में कृत्रिम सुगंध के बजाए ओरिजिनल और ऑर्गेनिक तरीके से उपजी हरी मिर्च और अन्य फलों का इस्तेमाल होता है. जिससे स्वाद के साथ ये खाने में लाभप्रद भी है.

स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है हरी मिर्च
मसाला और वनोत्पाद के औषधीय गुण और उसके फायदे की विशेष जानकारी रखने वाले आयुर्वेदिक मेडिकल अफसर डॉ. साकेत कुमार कहते हैं कि आयुर्वेद में भी हरी मिर्च के गुण का विवरण है, यह विटामिन-सी से पूर्ण एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. इसके साथ ही आंख और स्किन के लिए फायदेमंद हरी मिर्च काफी फायदेमंद है. डॉ. साकेत कुमार के अनुसार जो बच्चे तीखी मिर्ची नहीं खा सकते वह भी मिर्च वाला रसगुल्ला खा सकते हैं. जिससे उन्हें भरपूर स्वाद के साथ स्वास्थ्य लाभ भी हासिल होगा.

कीमत भी ज्यादा नहीं
आम लोगों के बजट में आने वाला ये अनोखा स्वाद आज हर किसी को अपना मुरीद बना चुका है. हरी मिर्च वाला रसगुल्ला हो या फल या फिर गुलाब की पंखुड़ियों वाला रसगुल्ला, ये मिठाई की ये तमाम वैराइटी आम लोगों की जेब पर बोझ नहीं डालता. स्वाद और खाने के शौकीन लोगों के लिए रसगुल्ले की ये रेंज काफी भा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *