भोपाल से प्रत्याशी तय करने में भाजपा को आ रहा पसीना. वो अखबार में विज्ञापन निकालें: कमलनाथ

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी तय करने में भाजपा नेताओं का पसीना आ रहा है। उन्हें अखबार में विज्ञापन निकाल उम्मीदवार के लिए आवेदन मंगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस कम से कम 22 से ज्यादा सीटें जीतेगी। कमलनाथ ये बात शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को प्रत्याशी चयन में जिस तरह की दिक्कत आ रही है वैसी ही दिक्कत अभी कई सीटों पर होने वाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम आएंगे और उसके उम्मीदवार 22 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। वहीं भाजपा की पूरे देश 160 क्षेत्रों में सिमट कर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बाकी संसदीय क्षेत्रों के लिए जल्द ही प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे। हालांकि ये पूछे जाने पर इंदौर से प्रत्याशी कौन होगा के  जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

गुना से उम्मीदवार होंगे सिंधिया: उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वो जिस सीट से सांसद है। इस बार भी उसी से ही चुनाव लड़ेंगे। भाजपा में उम्मीदवारों के नाम के ऐलान में हो रही देरी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, भाजपा को विज्ञापन देना चाहिए। उससे उन्हें बाकी बची सीटों पर प्रत्याशी जरूर मिल जाएंगे। 

भाजपा सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ल के भाई कांग्रेस में शामिल: भाजपा सरकार में उद्योग मंत्री रहे मौजूदा विधायक राजेंद्र शुक्ल के भाई विनोद शुक्ल आज कांग्रेस में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। सतना जिला पंचायत उपाध्यक्ष रश्मि सिंह भी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। इससे पहले बहुजन संघर्ष दल का कांग्रेस में विलय हुआ था और मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।

अशोक अर्गल का मामला अटका: भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुरैना और भिंड से सांसद रहे अशोक अर्गल का कांग्रेस में शामिल होने का मामला अटक गया है। बताया जा रहा है कि 2008 में संसद में घूसकांड में उन्होंने नोट लहराए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया अशोक को राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता दिला मुरैना से टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं। वहीं, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को अर्गल को पार्टी में शामिल करना रास नहीं आ रहा है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अशोक अर्गल का संसद में नोट लहराने वाली तस्वीर आज भी जेहन में है, इससे पार्टी को नुकसान होगा। 

बरैया ने बिगाड़े समीकरण: इधर, बहुजन समाजवादी पार्टी को प्रदेश में खड़ा करने वाले फूलसिंह बरैया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अशोक अर्गल के समीकरण बिगड़ गए हैं। फूलसिंह बरैया को अशोक अर्गल से ज्यादा जनाधार वाला नेता माना जाता है। बरैया ने भी मुरैना और भिंड से दावेदारी जताई है। कांग्रेस ने उन्हें भी चुनाव लड़ाने का वादा किया है। इसलिए अशोक अर्गल का मामला होल्ड किया गया है।

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