म्यांमार में एक बार फिर लोकतंत्र खतरे में है। म्यांमार की सेना ने देश की वास्तविक नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) हिरासत में लिया है। इससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि सेना तख्तापलट कर सकती है। हालांकि, अभी संविधान को रद नहीं किया गया है। सू कीआंग सान की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के प्रवक्ता ने मायो नयुंट ने सोमवार को कहा कि म्यांमार की सेना ने देश के वास्तविक नेता आंग सान सू की को हिरासत में लिया है। प्रवक्ता मायो नयुंट ने कहा कि सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को राजधानी नैपीडॉ में नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में जो हालात हैं, उससे यह साफ है कि सेना तख्तापटल कर रही है।
इस बीच म्यांमार की सेना ने शनिवार को इस बात से इंकार किया कि उसके सेना प्रमुख ने चुनाव में धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तख्तापटल की धमकी दी थी। सेना ने कहा कि मीडिया ने उनकी बात का गलत अर्थ निकाला है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते म्यांमार में तब तनाव के हालात बन गए थे, जब सेना के प्रवक्ता ने कहा था कि नवंबर में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो तख्तापलट की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। म्यांमार के राजनीतिक संकट पर भारत की पैनी नजर है। हालांकि, भारत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वह घटना पर नजर बनाए है।
बता दें कि म्यांमर के कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिल आंग लाइंग ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वार्ता में कहा था कि ‘देश में यदि कानून का उचित तरीके से लागू नहीं किया जाएगा तो संविधान को रद किया जा सकता है।’ उनके इस बयान के बाद म्यांमार में सियासत गरम हो गई थी। तख्तापलट को लेकर आशंका तब और प्रबल हो गई, जब कई बड़े शहरों में सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया जाने लगा। हालांकि, इसके बाद सेना ने कहा कि कुछ संगठनों और मीडिया ने यह बात बिना किसी आधार के कही है कि सेना ने संविधान को रद करने की धमकी दी है।