भोपाल। देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के पियक्कड़ों के लिए बुरी खबर है। कल मंगलवार से शराब दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद होने जा रही हैं। कारण बताया जाता है कि शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच अपने अपने फायदे की बात को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। लॉकडाउन के कारण शराब दुकानें बंद रहने और उसके बाद किसी भी प्रकार की आर्थिक छूट नहीं मिलने के बाद अब शराब ठेकेदारों ने फिर से अपनी दुकानें बंद करने का फैसला किया है।
एसोसिएशन के प्रवक्ता राहुल जायसवाल के मुताबिक पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें शाम से बंद होने लगी हैं और मंगलवार से कोई भी दुकान नहीं खुलेगी। शराब कारोबारियों की मानें तो पहले दो महीने के लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ दी। अब दुकानें खुलने के बाद कम ब्रिकी के चलते उनको लगातार बड़ा घाटा हो रहा है। लॉकडाउन में शराब की दुकानें तो खुल गई है लेकिन उनकी ब्रिकी घटकर तीस फीसदी रह गई है। ऐसे में शराब कारोबारियों को ठेका कीमत निकालना मुश्किल हो रहा है।
एसोसिएशन के प्रवक्ता राहुल जायसवाल के मुताबिक शराब की बिक्री में रिकॉर्ड कमी आई है इसका बड़ा कारण शराब के अस्सी फीसदी खरीददार कम आय वर्ग वाले जैसे रिक्शे – ऑटो वाले, मजदूर वर्ग के लोग हंै। लॉकडाउन के चलते उनके काम धंधे बंद होने से उनकी आय लगभग बंद या न के बराबर हो चुकी है। इसका सीधा असर शराब की बिक्री पर पड़ा है। शराब ठेकेदारों की मांग है कि शराब कारोबारी को शराब दुकानें बंद रहने की अवधि की लाइसेंस फीस में छूट दी जााए।
बिक्री के आंकड़ों के आधार पर शुल्क वसूलने और सारे ठेके निरस्त करके नई परिस्थितियों में फिर से मूल्य निर्धारण कर फिर से ठेके किए जाएं। शराब ठेकेदारों ने पूरे मामलों को लेकर एक याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई है जिस पर 27 मई को सुनवाई होनी है। वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि वह शराब ठेकेदारों को कुछ रियायतें पहले दे चुकी है जिसमें निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर शराब बेचना और लाइसेंस फीस जमा करने में मोहलत आदि शामिल है। लेकिन शराब कारोबारी सरकार की इस राहत से संतुष्ट नहीं हैं।