इंदौर नगर निगम परिषद की आखिरी बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई। जैसे ही नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख ने शाहीन बाग में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई बच्ची की मौत पर श्रद्धांजलि दी, पूरे परिषद में हंगामा खड़ा हो गया। और दोनों ओर से जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। बैठक में महापौर मालिनी गौड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान शहर के विकास कार्य बताएं और अंत में शेर के साथ अपना उद्बोधन समाप्त किया। निगम परिषद की बैठक में हंगामा बढ़ा तो सत्तापक्ष ने “देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को” “वंदे मातरम” के नारे सदन में गूंजने लगे। इस पर विपक्ष ने पूछा कि देश का गद्दार कौन है, यह भी बताएं। इसके बाद विपक्षी पार्षद धरने पर बैठ गए। नई परिषद के गठन होने तक शहर में ‘अफसर सरकार’ चलेगी। इसके साथ ही नगर निगम महापौर मालिनी गौड़ और 85 पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। अंतिम दिन महापौर और पार्षद कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश होना है। बैठक के बाद संभागायुक्त निगम प्रशासक का प्रभार संभालेंगे। वही सीएए के विरोध में पार्षद पद से इस्तीफा देने वाले उस्मान पटेल को व्यवस्था नहीं देने पर उठाए गए सवाल पर सभापति अजय सिंह नरूका ने पत्राचार के अभाव में व्यवस्था देने से इंकार किया। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने शाहीन बाग में 4 माह की बच्ची की मौत पर श्रद्धांजलि दी। नेता प्रतिपक्ष के ऐसा करने पर सभापति ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे खारिज कर दिया। इसके बाद सदन में विवाद शुरू हो गया। सभापति की मौजूदगी में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हो गए। पार्षद अनवर दस्तक निगम परिषद की आखिरी बैठक में जलकार्य समिति के अध्यक्ष बलराम वर्मा पर खूब बरसे। नागरिकता कानून को लेकर हुई तीखी बहस में अनवर दस्तक ने कहा कि, जब तक केंद्र सरकार यह काला कानून वापस नहीं ले लेती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।