बाणगंगा क्षेत्र में सीईटीआई द्वारा किया गया टीबी मुक्त कमेटी का गठन

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इंदौर जिले के बाणगंगा क्षेत्र को किस तरह से टीबी मुक्त किया जाये इस पर विचार विमर्श के लिये संस्था सीईटीआई ने टीबी फ्री कमेटी का गठन किया है। कमेटी की पहली बैठक गत दिवस सम्पन्न हुई। बैठक में भविष्य में किस तरह से टीबी के मरीजों को कम किया जा सकता है इस पर विचार किया है. इस अभियान के द्वारा बाणगंगा की लगभग 40 बस्तियों में 1 लाख 50 हजार की आबादी का घर-घर जाकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे कार्य किया जायेगा। जिसमें टीबी के लक्षणों, जाँच एवं इसके निरूशुल्क उपचार के बारे में बताया जायेगा। सीईटीआई के प्रोजेक्ट मैनेजर संगीता पाठक ने बताया कि हम इंदौर को टीबी मुक्त बनाना चाहते है जिसकी शुरुआत हम बाणगंगा से कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से अन्य देशों एवं केरल ने टीबी पर नियंत्रण पाया है उसी तरह से एक्टिव केस फाइंडिंग करके हम सब मिलकर बाणगंगा क्षेत्र को टीबी मुक्त कर सकते है स

        संगीता पाठक ने बताया कि सीईटीआई द्वारा पिछले 77 दिनो में करीब 70 हजार की जनसंख्या पर घर-घर जाकर सर्वे किया गया। उस दौरान करीब 1355 संदिग्ध मरीज मिले। परन्तु कुल 465 लोगों ने ही जांच करवाई जो बहुत ही चिंताजनक है। यदि लोग जांच ही नहीं करवाएंगे तो बीमारी के बारे में कैसे पता चलेगा। ज्ञातव्य है कि संस्था द्वारा 23 सितम्बर 2019 से बाणगंगा क्षेत्र में घर-घर जा कर टीबी के लक्षणों की जानकारी दी गई और साथ ही 1355 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई। जिसमें से 53 टीबी के मरीजों को निकाला गया है। संस्था के द्वारा टीबी के संबंध में जानकारी लेने के लिए टीबी हेल्पलाइ नंबर 8989028282 भी चलाया जाता है ।

        बैठक में बाणगंगा क्षेत्र की पार्षद पार्वती कुशवाह, डॉ. उमाकांत, डॉ. खरे, डॉ. देशमुख, डॉ. निलेश, राष्ट्रीय टीबी कण्ट्रोल प्रोग्राम से श्री जितेश राठौर, अरुण गोस्वामी, सुहानी बिल्लोरे, फील्ड मेनेजर मोहित जाट, क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ऐसे मरीज जो संस्था के सानिध्य में ठीक हुए उपस्थित थे।

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