नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है, जिसने ना सिर्फ भारत की स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में नियमित रूप से नजर रखे हुए है.
उन्होंने कहा, ‘इन पारंपरिक सैन्य चुनौतियों के कायम रहने के साथ-साथ आतंकवाद एक बड़ा सुरक्षा खतरा बना हुआ है क्योंकि इसका आकार व दायरा बढ़ना जारी है.’ एडमिरल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन के आधार पर प्रतिस्पर्धा हो रही है, ऐसे में संभावित विरोधियों के साथ युद्ध से कभी इनकार नहीं किया जा सकता.
वर्ष 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी नौसेना: एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा है कि जहाजों और पनडुब्बियों के उत्पादन से लेकर कलपुर्जों एवं हथियारों तक, भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी. एडमिरल कुमार ने एक रक्षा सम्मेलन में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से बहुत कुछ सीखने को है, जिसमें नयी प्रौद्योगिकी, साइबर स्पेस और सभी तरह के गोला-बारूद का उपयोग देखा गया.
उन्होंने कहा, ‘हम पूरी तरह से ‘आत्मनिर्भर’ नौसेना होंगे. यही हम लक्षित कर रहे हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण भारतीय नौसेना की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, उन्होंने कहा, ‘अब तक, हम पर कोई कड़ा दबाव नहीं है. हमारे पास पर्याप्त भंडार है. आज विमान या विमान की तैनाती के मामले में कोई कमी नहीं की गई है. हमने अपने देश के उद्योग से मदद लेने के लिए कदम उठाए हैं.’