इंदौर में हुए जैन समाज के पांच दिवसीय महोत्सव में पधारे आचार्य विद्यासागर महाराज की गरिमामय महोत्सव में आज 18 जैन मंदिरों की एक साथ प्रतिष्ठा और पंचकल्याणक कराने के लिए वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इसका पंजीयन किया। आचार्य विद्यासागर जी की पावन उपस्थिति में लंदन से पधारे वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारी संतोष शुक्ला और उनकी टीम द्वारा गरिमामय कार्यक्रम में यह रिकॉर्ड दयोदय चैरिटेबल ट्रस्ट और दिगंबर जैन समाज संस्था को प्रदान किया। यह अवसर मात्र भारत के जैन समुदाय के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण जैन समाज के लिए गौरव व हर्ष का विषय है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आचार्य विद्यासागर के शुभ आशीर्वाद से इंदौर शहर का नाम स्वर्ण अक्षर में वल्र्ड बुक में नाम अंकित हो गया है।
आज इंदौर शहर में परम् पूज्य दिगंबर जैन आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के शुभ आशीष व उपस्थिति में श्री मज्जीनेंन्द्र पंच कल्याणक जिनबिम्ब प्रतीष्ठा गजरथ महोत्सव 26 जनवरी से 1 फरवरी 2020 को पूरे विश्व में प्रथम बार एक साथ 18 जिनालयों की संपन्न करवा कर पूरे विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। यह संपूर्ण भारतवर्ष के जैन समाज के लिए गौरव की बात है। उक्त महोत्सव को वल्र्ड बुक आफ रिकॉर्ड ने जैन धर्म व समाज की विशेष उपलब्धि के रूप में पंजीकृत किया है। उक्त महोत्सव के लिए वल्र्ड बुक आॅफ रिकॉर्डस द्वारा इंदौर शहर के दिंगबर समाज व दिंगबर समाज की प्रतिष्ठा आयोजक समिति दयोदय चेरिटेबल ट्रस्ट को आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी महाराज की उपस्थिति में सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए मंच पर वल्र्ड बुक आफ रिकॉर्ड की टिम भारत, लंदन व यूके के सम्मान्नीय सद्स्य व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। वल्र्ड बुक रिकॉर्ड्स, लंदन के संतोष शुक्ला, डॉ अर्पण जैन, चिंतन बाकलीवाल, जयेश कोठारी, सचिन छाजेड़, संजीव जैन उपस्थित रहें।