कांग्रेसी अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। यहां नामांकन शुरू हो चुका है। पर, अब तक कांग्रेस ने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी वर्ष 1981 के उपचुनाव का इतिहास दोहराने वाली है। उस वक्त कांग्रेस ने नामांकन शुरू होने के बाद प्रत्याशी उतारा था।
अब तक राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के सिर्फ दावे हैं, जबकि कांग्रेस के मुकाबिल खड़ी भाजपा किसी असमंजस में नहीं है। उसने काफी पहले ही स्थितियां साफ कर दी थीं। स्मृति जूबिन इरानी चुनाव मैदान में डटी हुई हैं।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल दावा करते हैं कि राहुल गांधी ही अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित नहीं होने की चर्चा पर पुराने वरिष्ठ कांग्रेसी महेंद्र तिवारी कहते हैं, ऐसा पहली बार नहीं है जब नामांकन शुरू होने पर भी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में नहीं है।
इससे पहले 1981 में ऐसा हो चुका है। तब के चुनाव में कांग्रेस ने राजीव गांधी के नाम की घोषणा नामांकन शुरू होने के बाद की थी। जिस दिन राजीव उम्मीदवार घोषित हुए, उसी दिन उन्होंने नामांकन किया था।
भाजपा छोड़ किसी का प्रत्याशी तय नहीं
अमेठी में भाजपा छोड़ किसी भी दल का प्रत्याशी अभी तय नहीं है। बसपा भी सपा-कांग्रेस गठबंधन के कदम का इंतजार कर रही है। दावा किया जा रहा है कि बसपा के एक संभावित उम्मीदवार ने पर्चा भी ले लिया है। पर पार्टी ने अभी तक किसी नाम पर मुहर नहीं लगाई है।