भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान कैलाष विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ हल्की राजनीति के कारण इसका विरोध कर रहे है, जहां कांग्रेस की सरकार है।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 90 में जब मैं 4 नबर विधानसभा में जीत था। तो वहां बड़ी संख्या में सिंधी लोग जो नागरिकता को लेकर परेशान थे जो पाकिस्तान भी नहीं जाना चाहते है। बंगाल के भी काफी लोग जो शरणार्थी है। मोदी जी ने ऐसे लोग जो हमारे देश मे रह रहे है पर नागरिकता नहीं मिली उनके लिए कानून लाए पर गैर जिमेदारन रवैये के कारण देश मे अराजकता फैली, लेकिन जैसे जैसे लोगों को समझ आया तो अब शांति होने लगी। कैलाष विजयवर्गीय ने ये तक कह दिया कि ये देश कोई धर्मशाला थोड़ी है। आज की तारीख में एनआरसी को लेकर कोई निर्णय नहीं लिए है भविष्य में क्या होगा ये मुझे पता नही है। कैलाष विजयवर्गीय ने कहा कि मुस्लिम हमारे यहां 7 प्रतिशत थे, जो 20 प्रतिशत हो गए, क्योकि यहां मान सम्मान मिल रहा है, लेकिन पाकिस्तान बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा है इसलिए जनसंख्या कम हो रही है। कैलाष विजयवर्गीय ने कहा कि ये समस्या आजादी के बाद से ही बरकरार है, क्योंकि गांधी जी ने भी उस वक्त इस बारे में कहा था।
हनी ट्रैप मामले में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं कमर के नीचे वार नहीं करता और जरूरत पड़ी तो पीछे भी नहीं हटूंगा। पूरे प्रदेश में भूमाफिया को लेकर चल रही कार्रवाई को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि मेरे पास भी कांग्रेसियों की 176 मकानों की लिस्ट और मैं तैयार कर रहा हूं। कैलाष विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस मोदीजी को हरा तो पा नहीं रही है। इसलिए गैर जवाबदारी से अराजकता फैला रही है। मोदी जी हीरा है और हीरा तो अंधेरे में भी चमकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस सरकार माफियाओं की मुहिम को राजनीतिक रंग दे रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान किया जा रहा है। कैलाष विजयवर्गीय ने कमलनाथ से कहा कि वो भाजपाइयों को टारगेट करना बंद करें, भाजपा कमजोर नहीं है। प्रशासन की नियम विरुद्ध माफियाओं के मकान तोड़े तो भी हम मूक दर्शक बनकर खड़े रहे। यदि अब इस तरह से बीजेपी के कार्यकर्ताओं को परेशान किया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। 167 कांग्रेसियों की हमने सूची बना ली है, जिनके मकान दुकान अवैध है।