शारदा चिटफंड घोटाले की जांच को लेकर हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। जांच एजेंसी ने कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सबूत नष्ट कर सकते हैं। इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा- अगर वे ऐसा ख्याल भी लाएं तो हमें सबूत देना, हम उन पर ऐसी सख्त कार्रवाई करेंगे कि उन्हें पछताना पड़ेगा।
इससे पहले सरकारी वकील ने इस मामले में सोमवार को ही सुनवाई की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा- इस पर तत्काल सुनवाई जरूरी नहीं है। मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। जांच एजेंसी ने कोर्ट को रविवार रात हुए घटनाक्रम के बारे में बताया। कहा- कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को कई बार समन भेजा गया, उन्होंने सहयोग नहीं किया और जांच में बाधा डालते रहे। ऐसे में उन्हें जांच में मदद करने का निर्देश दिया जाए। इससे पहले रविवार
शाम कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से घोटाले की जांच को लेकर पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम के पांच अफसरों को हिरासत में लिया गया।
संसद में हंगामा
- सीबीआई-बंगाल पुलिस विवाद को लेकर सोमवार को राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा हुआ। दोनों सदनों को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
- केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ही सीबीआई को 2014 में शारदा घोटाले की जांच करने के निर्देश दिए थे।
- केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के लिए संविधान के दायरे में रहकर काम करना ही उचित रहेगा। वरना वे ध्यान रखें कि राष्ट्रपति शासन का भी विकल्प है।
- तृणमूल कांग्रेस के सांसदों सौगत रॉय, कल्याण बनर्जी, मूनमून सेन ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और सीबीआई की कार्रवाई को संविधान के संघीय ढांच के खिलाफ बताया।
ममता रविवार रात से धरने पर
सीबीआई की इस कार्रवाई के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार रात से धरने पर बैठी हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रविवार को ममता के समर्थन में आवाज उठाते हुए इस मामले में पूरे विपक्ष के एकसाथ होने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक फासीवादी ताकतें हारती नहीं, तब तक हम साथ हैं। हालांकि, माकपा के नेता सीताराम येचुरी ने महागठबंधन पार्टियों की लाइन से हटते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार का घोटाला बहुत पहले ही जनता के सामने आ चुका था, लेकिन मोदी सरकार चुप रही, क्योंकि इसके मास्टरमाइंड ने ही भाजपा ज्वाइन कर ली। तृणमूल सरकार भी अब धरने के जरिए नाटक कर रही है।
घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के प्रमुख थे कुमार
शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बनाया गया था।
2460 करोड़ का शारदा चिटफंड घोटाला
शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 पर्सेंट जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट थीं। इनमें निवेशकों को रकम 34 गुना तक करने का प्रलोभन दिया गया था।