भोपाल,प्रदेश में हुई अनुशासनहीनता की घटनाओं को देखते हुए अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एमपी पर विशेष फोकस करना शुरु कर दिया है । हाईकमान की पूरी नजर आगामी चुनावों पर है, ऐसे में पार्टी नेताओं की बयानबाजी से कोई नुकसान नही उठाना चाहती है। खबर है कि आने वाले दिनों में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जल्द ही वचन पत्र निगरानी समिति बनाने वाली है, जिसके तहत वचन पत्र के आधार पर कैबिनेट मंत्रियों के परफॉर्मेंस का आंकलन किया जाएगा। वचन पत्र क्रियान्वयन समिति के साथ ही प्रदेश में नए सिरे से कोर कमेटी और समन्वय समिति का भी गठन किया जाएगा। इस संबंध में दिल्ली में गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इसके लिए संगठन और सरकार के प्रतिनिधियों पर सोनिया गांधी की सीधी नजर रहने वाली है।
दऱअसल, बीते दिनों प्रदेश में हुई घटनाओं पर अनुशासन में रहने की सख्त हिदायद देने के बावजूद भी नेताओं में सुधार देखने को नही मिला है। आए दिन नेता बयानबाजी कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रहे है। लाख समझाइश के बावजूद नेता बयान देने से नही चूक रहे है । हाल ही दो कैबिनेट मंत्रियों इमरती देवी और जीतू पटवारी ने बयान देकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी है।जहां इमरती देवी ने पैसों से ट्रांसफर होने की बात कही है वही जीतू ने पटवारियों के रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली में है। बताया जा रहा है कि प्रभारी प्रभारी दीपक बावरिया और कमलनाथ से चर्चा के बाद हाईकमान इस पर बड़ा फैसला ले सकती है।
हाईकमान ने ये फैसला संगठन और सरकार में समन्वय बैठाने के लिए उठाया है, ताकी आने वाले समय में कोई विवाद ना हो। इस समिति के कार्यकर्ताओं की तैनाती जिला स्तर तक होगी। इस समिति का गठन एआईसीसी मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मिलकर करने वाली है। संगठन स्तर पर बनने वाली ये समिति वचन पत्र के बिंदुओं के क्रियान्वयन पर नजर रखेगी।
नए अध्यक्ष के बाद भी पार्टी में तालमेल और संतुलन कायम रहे, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा ना हो, विधायकों-मंत्रियों और अफसरों में टकराव, गुटबाजी और अतंर्कलह ना हो, जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए समन्वय समिति भी बनाई जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के बड़े मुद्दों पर चर्चा और फैसलों के लिए कोर कमेटी बनाई जा रही है। इस कमेटी में प्रदेश के सारे बड़े नेताओं को शामिल किया जाएगा। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया भी इस कमेटी में शामिल रहेंगे।अनुशासन, मतभेद और आपसी टकराव जैसे मुद्दों पर भी इसी कमेटी में फैसला लिया जाएगा। मंत्रियों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए भी कोर कमेटी गाइडलाइन बनाएगी। कोर कमेटी में सरकार के स्तर पर नई नीति या योजना के बारे में भी परामर्श किया जाएगा।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…