Views: 3
पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों की मस्जिद में हमले की एक और घटना सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को कराची में चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों ने मस्जिद में तोड़फोड़ की। एक महीने में यह दूसरी घटना है। इससे पहले कराची में जमशेद रोड पर अहमदी जमात खाता की मीनारों को गिरा दिया गया था।
कौन हैं अहमदिया मुस्लिम?
अहमदिया, वह मुस्लिम समुदाय है जो मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है। मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में इस्लाम के भीतर एक पुनरुत्थान आंदोलन के रूप में अहमदिया मुस्लिम समुदाय की स्थापना की थी। मिर्जा गुलाम अहमद का जन्म तत्कालीन ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। अहमदिया मुस्लिम समुदाय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह समुदाय समुदाय 200 से अधिक देशों में फैला हुआ है, जिसकी आबादी 1.2 करोड़ से अधिक है।
समुदाय में सबसे बड़ा स्थान खलीफा का होता है। संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद की मृत्यु के बाद से पांच खलीफाओं ने उनका स्थान लिया है। मौजूदा खलीफा मिर्जा मसरूर अहमद हैं जो ब्रिटेन में रहते हैं और समुदाय के आध्यात्मिक और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं। जानकारी के मुताबिक, अहमदिया मुस्लिम समुदाय की दुनियाभर में 16,000 से अधिक मस्जिदें हैं। इस समुदाय ने कुरान का 70 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया है।
अहमदिया, वह मुस्लिम समुदाय है जो मिर्जा गुलाम अहमद को मानता है। मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में इस्लाम के भीतर एक पुनरुत्थान आंदोलन के रूप में अहमदिया मुस्लिम समुदाय की स्थापना की थी। मिर्जा गुलाम अहमद का जन्म तत्कालीन ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। अहमदिया मुस्लिम समुदाय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह समुदाय समुदाय 200 से अधिक देशों में फैला हुआ है, जिसकी आबादी 1.2 करोड़ से अधिक है।
समुदाय में सबसे बड़ा स्थान खलीफा का होता है। संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद की मृत्यु के बाद से पांच खलीफाओं ने उनका स्थान लिया है। मौजूदा खलीफा मिर्जा मसरूर अहमद हैं जो ब्रिटेन में रहते हैं और समुदाय के आध्यात्मिक और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं। जानकारी के मुताबिक, अहमदिया मुस्लिम समुदाय की दुनियाभर में 16,000 से अधिक मस्जिदें हैं। इस समुदाय ने कुरान का 70 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया है।
पाकिस्तान में समुदाय की स्थिति क्या है?
दुनिया में सबसे ज्यादा अहमदियों की संख्या पाकिस्तान में रहती है। समुदाय की आबादी देश की कुल आबादी का करीब 2.2 फीसदी है। इनकी संख्या 40 लाख के आसपास बताई जाती है। पंजाब प्रांत में रबवाह शहर अहमदिया समुदाय का वैश्विक मुख्यालय हुआ करता था लेकिन बाद में यह इंग्लैंड चला गया।
दुनिया में सबसे ज्यादा अहमदियों की संख्या पाकिस्तान में रहती है। समुदाय की आबादी देश की कुल आबादी का करीब 2.2 फीसदी है। इनकी संख्या 40 लाख के आसपास बताई जाती है। पंजाब प्रांत में रबवाह शहर अहमदिया समुदाय का वैश्विक मुख्यालय हुआ करता था लेकिन बाद में यह इंग्लैंड चला गया।
पाकिस्तान में कानून ही करता है भेदभाव
1974 में संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से, अहमदिया पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से मुस्लिम नहीं हैं। अहमदी समुदाय यहां दूसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में रहता है। प्यू रिसर्च पोल के अनुसार, केवल सात फीसदी पाकिस्तानी ही अहमदियों को मुसलमानों के रूप में स्वीकार करते हैं। इसके अलावा यहां उनके धर्म के प्रचार के अधिकार को कानूनी रूप से ही नकारा गया है। अल अरबिया पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298-सी अहमदिया के खिलाफ भेदभाव को कानूनी दर्जा देती है। यह धारा अहमदियों को खुद को मुस्लिम कहने या अपने धर्म का प्रचार करने से रोकती है। यही कारण है कि अहमदी समुदाय अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी कानून-व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग करता आया है।
1974 में संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से, अहमदिया पाकिस्तान में आधिकारिक रूप से मुस्लिम नहीं हैं। अहमदी समुदाय यहां दूसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में रहता है। प्यू रिसर्च पोल के अनुसार, केवल सात फीसदी पाकिस्तानी ही अहमदियों को मुसलमानों के रूप में स्वीकार करते हैं। इसके अलावा यहां उनके धर्म के प्रचार के अधिकार को कानूनी रूप से ही नकारा गया है। अल अरबिया पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298-सी अहमदिया के खिलाफ भेदभाव को कानूनी दर्जा देती है। यह धारा अहमदियों को खुद को मुस्लिम कहने या अपने धर्म का प्रचार करने से रोकती है। यही कारण है कि अहमदी समुदाय अपनी सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी कानून-व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग करता आया है।