मध्यप्रदेश में स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जुबानी रूप से भिड़ गए हैं। MP बोर्ड की परीक्षा और स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा मंत्री ने अब कहा है कि फिलहाल की स्थिति में 1 फरवरी से स्कूल खुलना आसान नहीं है। फरवरी के पहले सप्ताह में समीक्षा करेंगे। उसके बाद ही स्कूल खुलने और बंद रखने पर निर्णय लिया जाएगा। MP बोर्ड की परीक्षाएं आगे बढ़ाई जा सकती हैं। यह कोरोना के असर को देखते हुए तय किया जाएगा।
इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि स्कूल खोलने का निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समीक्षा के बाद लेंगे। यह बैठक 30 या 31 जनवरी को होगी, सब कुछ उसी में तय होना है। इस बयान के महज 8 घंटे के अंदर ही स्कूल शिक्षा मंत्री ने फिर एक नया बयान देकर चौंका दिया।
एक दिन भी पहले परमार ने कहा था कि 31 जनवरी के बाद भी स्कूल को खोलने की स्थिति नहीं है। इसी के बाद गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने अलग लाइन से बयान देकर राज्य सरकार का रूख बताने की कोशिश की थी। लेकिन अब शिक्षा मंत्री परमार ने दूसरी बार स्कूल नहीं खोलने का बयान देकर स्कूल शिक्षा विभाग की मंशा साफ कर दी है।
गृहमंत्री यह बोले थे
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक लेंगे। इस समीक्षा के बाद ही स्कूलों के भविष्य को लेकर कोई निर्णय हो सकेगा। मिश्रा ने बताया कि सीएम शिवराज की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक 30 या 31 जनवरी को होगी।
5वीं और 8वीं बोर्ड होंगी
परमार ने कहा कि 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड करेंगे। 10वीं और 12वीं क्लास का पहले से टाइम टेबल जारी हो चुका है। हम समीक्षा कर रहे हैं। अभी की स्थिति में हम परीक्षाएं ऑफलाइन ही करेंगे। हमारा प्रयास है कि अगर तारीख आगे बढ़ाई जाती हैं, तो भी ऑफलाइन परीक्षा ही हों।
बैतूल में यह बयान दिया था
एक दिन पहले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि 31 जनवरी के बाद स्कूल को खोलना या बंद रखना कोरोना की परिस्थिति पर निर्भर करता है। कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो स्कूल खुल भी सकते हैं। अगर प्रभाव ऐसा ही रहा या बढ़ा तो स्कूल फिर नहीं खोले जाएंगे। समय पर समीक्षा करेंगे, फिर तय करेंगे कि स्कूल खोले जाए या नहीं। मुझे नहीं लगता कि 31 जनवरी को स्कूल खोलने की सही स्थिति में है।