ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शादी के डेढ़ दशक बाद सन्यासी हो चुकी पत्नी को अब अपने एडीजे पति से तलाक को मंजूरी दे दी है. एकमुश्त राशि के रूप में एडीजे पति को अपनी सन्यासी पत्नी को 20 लाख रुपए का भुगतान करना होगा. सन्यासी पत्नी और एडीजे का 1997 में विवाह हुआ था. एक दशक तक दोनों के बीच संबंध बने रहे, फिर दोनों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर विवाद होने लगा.
2012 से दोनों रह रहे हैं अलग
2011 में पत्नी ने हरिद्वार के अखंड परमधाम आश्रम जाकर सन्यास धारण कर लिया. 2012 से ही पति पत्नी अलग-अलग रह रहे थे. इस बीच सन्यासी हो चुकी पत्नी ने कुटुंब न्यायालय में अपने एडीजे पति से गुजारा भत्ता मांगा. कोर्ट के आदेश पर एडीजे उन्हें पंद्रह हजार रुपये महीना देने लगे. इधर, 2016 में एडीजे ने अपनी पत्नी से विधिवत तलाक के लिए कुटुंब न्यायालय में अर्जी लगाई. उसे स्वीकार कर लिया गया. सन्यास ले चुकी पत्नी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि इस मामले में उनका पक्ष नहीं सुना गया है.
पत्नी को एक साथ दिए जाएंगे 20 लाख रुपये
विधिवत तलाक के लिए पत्नी को एकमुश्त राशि भी पति की ओर से दी जाती है. वह नहीं दी गई थी. कोविड-19 के दौरान इस मामले में लंबे अरसे से सुनवाई नहीं हो रही थी. महिला की अपील पर जब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो पति की ओर से कहा गया कि पत्नी सन्यासी हो चुकी है. अब दोनों का साथ रहना मुश्किल है, इसलिए वह एक मुश्त राशि के रूप में 20 लाख रुपए देने के लिए राजी है.पत्नी ने भी एकमुश्त राशि मिलने के बाद अपनी ओर से लगाए गए दोनों मामलों पर खात्मा रिपोर्ट लगाने का आवेदन कोर्ट में दिया है. दोनों पति-पत्नी से एक बच्चा है, जो वर्तमान में एडीजे पिता के साथ रह रहा है.