भोपाल।
मध्य प्रदेश में महिला पुलिस वालंटियर योजना लागू होगी। इसके लिए मुरैना और विदिशा जिले का चयन किया गया है। योजना के तहत गांव, वार्ड में एक महिला पुलिस वालंटियर बनाई जाएगी, जो महिलाओं के विरूद्ध अपराध के संबंध में कार्रवाई में सहायता करेगी। उन्हें एक हजार रुपयेे प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।
यह सहमति गुरुवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध तथा घरेलू हिंसा के प्रकरणों में की गई कार्रवाई की समीक्षा के दौरान बनी। यह योजना केंद्र सरकार की है और पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे दो जिलों में लागू किया जाएगा। बैठक में महिला अपराध शाखा का नाम बदलकर महिला सुरक्षा शाखा करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिले। इसके लिए ऐसे प्रकरणों में न्यायालयों में शासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए। प्रदेश में गत छह माह में अपहृत 5,205 बालिकाओं को उनके घर पहुंचाया गया है, जो कुल अपहृत 8,566 बालिकाओं का 60.8 फीसद है। उन्होंने निर्देश दिए प्रत्येक बालिका को ढूंढ़कर सही सलामत उसके घर पहुंचाया जाए। बैठक में गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा आदि उपस्थित थे।
18 प्रकरणों में मृत्यु दंड यथावत
बैठक में बताया गया प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के 18 प्रकरणों में मृत्यु दंड को उच्च न्यायालय ने यथावत रखा है। अब प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए सवोच्च न्यायालय में प्रकरणों में शासन का पक्ष मजबूती से रखा जाए। अपराधों का एक कारण बेरोजगारी भी है।
प्रदेश में प्रतिमाह हर जिले में रोजगार अभियान चलाकर अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार दिलवाएं। बैठक में बताया गया प्रदेश के 700 थानों में ‘ऊर्जा” महिला हेल्प डेस्क संचालित की जा रही हैं। इनके माध्यम से महिला अपराधों में राहत एवं सहायता पहुंचाई जा रही है। घरेलू उत्पीड़न के प्रकरणों में आवश्यक काउंसलिंग भी की जा रही है।
पुलिस के रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र की जाए। पुलिस महानिदेशक ने बताया प्रदेश में पुलिस जवानों के 18 हजार पद रिक्त हैं, जिनकी भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी।