इंदौर जिले के किसानों से कहा गया है कि वे वर्तमान मौसम को देखते हुए अपनी फसलों को बचाने के लिये तापमान को नियंत्रित करने के उपाय करें। विगत दिनों से मौसम अधिक सर्द होने के कारण पाला (ओलावृष्टि) की आशंका है। पाले से बचाव हेतु किसानों से कहा गया है कि वे फसलों में स्प्रिंकलर पद्धति के माध्यम से हल्की सिंचाई करें। जिससे की पाला पडने वाले नुकसान से फसलों को बचाया जा सके। किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे फसलों में थायों युरिया की 500 ग्राम मात्रा का 1000 लीटर में घोल बनाकर 15-15 दिनों के अंतराल पर छिडकाव करें । साथ ही 8 से 10 किग्रा सल्फर पावडर का प्रति एकड़ भुरकाव करें। घुलनशील सल्फर 3 लीटर पानी में घोल का छिडकाव करना पाले के विरूद्ध कारगर पाया गया है। किसानों से कहा गया है कि वे इसके अलावा रात्रि में विशेषकर तीसरे और चौथे पहर में खेत की मेड़ों पर कचरा तथा खरपतवार जलाकर धुआं करें, जिससे धुऐं की परत फसलों पर आच्छादित हो जायेगी, जिससे तापमान के असर को नियंत्रित कर, फसलों को पाले से सुरक्षित रखा जा सकता है।