कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव की अध्यक्षता में प्रत्येक गुरुवार को आयोजित की जाने वाली ट्रैफिक कैबिनेट की बैठक मैं इस बार जिलाधीश द्वारा ष्यस पार्किंगष् के कंसेप्ट को प्रमोट किया गया बैठक में सम्मिलित हुए अधिकारियों से इस नई पहल के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया, सिटीजन फ्रेंडली पार्किंग व्यवस्था जिला प्रशासन का दायित्व है। और इसी दिशा में
यस पार्किंग सोच फलीभूत हुई है । इसमें नगर वासियों को बेहतर पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे न केवल इंदौर वासियों की ट्रैफिक समस्या कम होगी बल्कि पार्किंग के लिए पूर्व से ही चयनित स्थानों का उपयोग भी बढ़ेगा।
गाड़ियों पर टैग लगाकर, हर बार के पार्किंग भुगतान से बचकर 6 महीने या साल में एक बार पार्किंग का भुगतान किया जा सकता है। इससे नागरिकों की सुविधा तथा कन्वीनियंस दोनों बढ़ेगे।कलेक्टर श्री जाटव ने बताया कि इंदौर में पहले से ही बहुत सारे पार्किंग स्थल है पर उनका उपयोग उनके पोटेंशियल की तुलना में कम हो रहा है जिला प्रशासन की सोच उनके उपयोग को बढ़ाना तथा नागरिकों को पार्किंग की उचित व्यवस्था देना है।
जिलाधीश ने बताया कि भोपाल मेंचल रहे पार्किंग व्यवस्था से सम्बंधित मॉडल को इंदौर भी अपना सकता है। इसमें पार्किंग चार्जेज को हर बार की गयी पार्किंग के वक्त न लेकर उसे संपत्ति कर या अन्य किसी कर के साथ जोड़कर इकठ्ठा लिया जाता है।
इंदौर ट्रैफिक कैबिनेट बैठक में प्रत्येक गुरुवार ट्रैफिक की समस्या से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर तथा उनके उपाय अमल में लाए जाते हैं। अधिकारी स्वयं हर चैराहे ,गली ,मार्ग का निरीक्षण करने के बाद ही निर्णय लेते हैं।इसी क्रम में शुक्रवार को लोक परिवहन दिवस पर कलेक्टर महोदय स्वयं विभिन्न ऐसे चैराहे और मार्गो का निरीक्षण करेंगे जहां ट्रैफिक, अतिक्रमण तथा आवागमन की समस्या सबसे ज्यादा देखने मिलती है।
बैठक में चर्चा की गयी कि, शहर के प्रमुख मार्गो पर बने बड़े-बड़े गोल चक्कर आम सहमति से हटाए जाएंगे।इसका उद्देश्य ट्रैफिक को सीमलेस बनाना है। बैठक में खजराना चैराहा ,बंगाली चैराहा, निरंजनपुर, बॉम्बे हॉस्पिटल चैराहा ,मूसाखेड़ी , सयाजी आदि के गोल चक्कर से होने वाली ट्रैफिक की समस्याओं के बारे में चर्चा कर यह निर्णय लिया गया।