पाकिस्तान ने एक बार फिर से जम्मू कश्मीर मामले को दुनिया के सामने उठाया, फिर मिला झटका

अंतरराष्ट्रीय

बंजुल: पाकिस्तान ने एक बार फिर से जम्मू कश्मीर मामले को दुनिया के सामने उठाया है। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री सीनेटर मोहम्मद इशाक डार ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के 15वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कश्मीर का मामला उठाया। अफ्रीका देश गाम्बिया की राजधानी बंजुल में रही ओआईसी की बैठक में डार ने कहा कि कश्मीर में भारत लोकतंत्र का गला घोटते हुए मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। डार ने ओआईसी से कश्मीर पर अपनी कार्य योजना को लागू करने, भारत से सभी मानवाधिकार उल्लंघनों को समाप्त करने के लिए कहने, हुर्रियत नेताओं को रिहा करने और एकतरफा कानूनों को उलटने की मांग की।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, डार ने  ओईसी का कश्मीर मुद्दे पर सैद्धांतिक समर्थन के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि ओआईसी की ओर से कश्मीरी लोगों के संघर्ष को हमेशा समर्थन मिलता रहा है, जिसकी हम सराहना करते हैं। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की तरफ कश्मीर का जो हिस्सा है, उसके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ओआईसी प्रस्तावों के अनुसार तत्काल समाधान के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करें। डार ने ये भी कहा कि भारत में चल रहे चुनावों के दौरान पाकिस्तान विरोधी और इस्लामोफोबिक बयान दिया जा रहे हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जम्मू कश्मीर पर बने ओआईसी के कॉन्टैक्ट ग्रुप ने भी कश्मीर में राजनीतिक और सुरक्षा माहौल की समीक्षा की है।

इस्लामोफोबिया और गाजा के मुद्दे पर भी दिया जोर

डार ने 15वें ओआईसी शिखर सम्मेलन में जिन मुद्दों पर खासतौर से जोर दिया है, उनमें कश्मीर के अलावा, गाजा में जारी लड़ाई और दुनिया के कई हिस्सों में बढ़ता इस्लामोफोबिया है। गाजा पर बात करते हुए डार ने ओआईसी के सदस्य देशों से तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम और घिरे हुए फिलिस्तीनियों को निर्बाध मानवीय सहायता के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फिलीस्तान को आजाद देश का दर्जा देने के समर्थन में पाकिस्तान हमेशा खड़ा है।

डार ने दुनिया में इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति की निंदा की। साथ ही ओआईसी से ईशनिंदा, इस्लाम विरोधी और इस्लामोफोबिक सामग्री पर निगाह रखने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ काम करने के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने का आग्रह किया। डार ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को पुनर्जीवित करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, लोकतांत्रिक और प्रभावी बनाने के लिए इसमें सुधार करने के लिए पाकिस्तान का समर्थन भी व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *