न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन (China) द्वारा कश्मीर मुद्दे (kashmir issue) का जिक्र करने पर भारत (India) ने कड़ा विरोध जताया है. भारत ने चीन समेत दुनिया के सभी देशों को दो टूक कहा है कि अनुच्छेद 370
(Article 370) हटाना पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है. दरअसल, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यूएन में कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि ‘विवाद’ को यूएन के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय ढंग से शांति के साथ हल किया जाना चाहिए. भारत ने चीन को आंतरिक मामलों में दखल न देने की नसीहत देते हुए चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) पर आईना दिखाया.
भारत ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और सभी देशों को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि सभी देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गैरकानूनी ढंग से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जरिए यथास्थिति को परिवर्तित करने के प्रयासों से बचेंगे.’ उन्होंने कहा चीन भारत के इस रुख से पूरी तरह परिचित है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है तथा हाल के घटनाक्रम पूरी तरह से हमारा अंदरुनी मामला है.
यह पहला मौका नहीं जब चीन ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने का मुद्दा उठाया हो लेकिन हर बार भारत ने उसे करारा जबाद देते हुए कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अक्टूबर महीने के दूसरे सप्ताह में भारत आ सकते हैं. गौरतलब है कि भारत ने पिछले महीने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया. पाकिस्तान ने कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश में लेकिन किसी ने उसका साथ नहीं दिया.
भारत ने यूएन में इमरान के झूठ का जवाब दिया
भारत ने यूएन में इमरान के झूठ का जवाब दिया. भारत ने इमरान हर झूठ को बेनकाब किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुनिया के सबसे बड़े मंच का दुरुपयोग किया है. विदिशा मैत्रा ने कहा आतंकवाद और घृणा फैलाने वाले भाषणों के साथ पाकिस्तान मानवाधिकारों के नए संस्थापक चैंपियन के रूप में वाइल्ड कार्ड खेलने की कोशिश कर रहा है. भारत के नागरिक को अपनी ओर से बोलने के लिए किसी और की आवश्यकता नहीं है. हमारे पास उन सभी की सूची है जिन्होंने नफ़रत की विचारधारा से आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है.