इंदौर .सुबह मैं होटल में अपने कमरे में था, तभी कुछ लोग चिल्लाते हुए दौड़े कि अपना सामान पैक कर भागो। मैं समझ गया कि कोई हादसा हुआ है। मैंने चप्पल पहनी और छोटा बैग निकाला। कमरे से बाहर निकला तो हर तरफ धुआं था और लपटें भी आने लगी थीं। मैं सिक्योरिटी कंपनी में हूं और टीम को फायर से बचने की ट्रेनिंग भी देता हूं, इसलिए मैं ऊपर की तरफ भागा। चौथी मंजिल पर छत से झांका कि कैसे बचकर निकलूं। रोड पर दूसरी तरफ और आसपास की बिल्डिंगों से सारे लोग मुझे देख रहे थे और वीडियो बना रहे थे। मैं उन्हें देखकर हैरान हो गया कि वे मुझे बचाने के बजाय यह देखना चाहते थे कि आदमी जिंदा बचेगा या जलेगा? ऐसे वीडियो यूट्यूब पर हजारों मिल जाएंगे, पर किसी की जान बचाकर आप असल जिंदगी में हीरो कहलाएंगे।
इधर, लपटों की गरमाहट तेज महसूस होने लगी थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था। पास में ही ऊपर टंकी दिखी तो मैं उस तरफ गया। वहां से एसी वाले सेक्शन में पहुंचा। उस जगह एक खिड़की दिखी। मुझे लगा खिड़की के ऊपर का पतरा पकड़कर मैं दूसरी छत पर जा सकता हूं, लेकिन उसका पतरा कमजोर था। इस विकल्प के बंद होने पर सोचा कि पास की छत पर छलांग लगा दूं, लेकिन मन में विचार आया कि ये आखिरी ऑप्शन है। अभी कोई और रास्ता देखना चाहिए। इसी बीच दूसरी छत पर वीडियो बना रहे युवक (शरद कुमार) ने मुझे इशारा किया कि वहीं रुकें, वह मदद करने आ रहा है।
वह नीचे गया और एक युवक (मुकेश, चायवाला) व एक पुलिसकर्मी के साथ ऊपर आया। उन्होंने पड़ोस की छत से सीढ़ी लगाई और मुझे धीरे-धीरे आने को कहा। सीढ़ी पर चलने में डर लग रहा था, पर उधर से तीनों हिम्मत बंधा रहे थे। जैसे-तैसे मैं उस पार पहुंचा और उन लोगों ने मुझे थाम लिया। धुएं के कारण मेरे साथ शरद की हालत भी थोड़ी खराब हो गई। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट देना पड़ा। ये तीन देवता समान लोग थे, जिन्होंने मेरी जान बचा ली। इनका दिल से शुक्रिया। पर मेरा लोगों से निवेदन है कि ऐसा कोई हादसा होने पर वीडियो बनाने या फोटो खींचने के बजाय मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करें।
एमओएस में था अवैध रेस्त्रां, वहीं लगी आग, 7 करोड़ का फर्नीचर जला
होटल गोल्डन गेट में लगी आग के पीछे होटल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। प्राथमिक जांच में पता चला कि होटल के गलियारे में कैफे एंड रेस्टोरेंट ‘बोका बुआना’ संचालित हो रहा था। आग की शुरुआत इसी रेस्त्रां से हुई थी। इसके बाद होटल तक पहुंची। रेस्त्रां में वेंटिलेशन भी नहीं था, जिससे आग तेजी से भड़क गई। आग से होटल के करीब सात करोड़ का फर्नीचर और इंटीरियर जल गया।