भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड से जुड़े एक नियम में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्रत्येक ग्राहक के वेरिफिकेशन के लिए 20 रुपये और सौदों में धन के लेन-देन की पुष्टि के लिए 50 पैसे शुल्क UIDAI को देना होगा। इस संबंध में UIDAI की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसके मुताबिक प्रत्येक ई-केवाईसी में आधार सेवा के लिए 20 रुपये और धन के प्रत्येक लेन-देन के समय हां या ना की पुष्टि के लिए 50 पैसे का शुल्क लगेगा। यह शुल्क टैक्स फ्री होगा। हालांकि सरकारी प्रतिष्ठानों और डाकघर को इन शुल्कों से मुक्त रखा गया है।
इन शुल्कों को संबंधित बिल के 15 दिन के अंदर भुगतान करना होगा। अगर नियमित समय पर इसका भुगतान नहीं किया गया तो हर महीने करीब डेढ फीसदी की ब्याज दर से भुगतान करना होगा। इसके साथ ही उनके आधार सत्यापन और ई-केवाईसी सेवाओं को रोक दिया जायेगा।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि पहले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आधार की सुविधा के बिना एक ग्राहक के वेरिफिकेशन पर कम से कम 150 रुपये से 200 रुपये तक खर्च करना पड़ता था। आधार के जरिए वेरिफिकेशन में कंपनियों और उनके ग्राहकों- दोनों को सुविधा रहती है। आधार सर्विस के लिए इस शुल्क देने के बावजूद वे फायदे में रहेंगे। यूआईडीएआई सूत्रों का कहना है कि ये शुल्क लाइसेंस शुल्क और वित्तीय अंकुश के अतिरिक्त होंगे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक करने की याचिका का ठुकरा दिया है। दरअसल, वकील अश्विनी उपाध्याय की ने एक अर्जी दायर की थी। इस दायर याचिका में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। लेकिन कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इस मसले के लिए चुनाव आयोग के पास जाने को कहा है।