5 पत्नियों के शौक पूरा करते-करते बन बैठा अपराधी, 50 लड़कियां फंस चुकी थीं जाल में.

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भोपाल. मध्य प्रदेश एसटीएफ ने बुधवार को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए ऐंठने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को शिकायत मिली थी कुछ लोग भोपाल एम्स में नौकरी लगावाने के नाम पर लड़कियों को लाखों का चूना लगा रहे हैं। हिरासत में लिए एक आरोपी ने बताया कि वह ये सब बीवियों के शौक को पूरा करने के चक्कर में कर बैठा।

50 से ज्यादा लड़कियों बना चुके हैं शिकार
पुलिस ने जिन दो आरोपियों को पकड़ा है, उनके नाम दिलशाद और आलोक बामने हैं। वहीं इस गैंग के तीसरा सदस्य धर्मानंद अभी फरार चल रहा है। इन तीनों ने मिलकर करीब 50 से ज्यादा लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा है। ये लोग पिछले 8 महीने से इस तरह की धोखाधड़ी कर लाखों रुपए वसूल रहे थे। तीनों ने मिलकर करीब 2 करोड़ से ज्यादा रुपए की ठगी की है।

गूगल पे और इंनटरनेट बैंकिग से लेते थे पैसे
एसटीएफ अफसर ने बताया कि, कुछ दिन पहले उनके पास कुछ नर्सिंग की पढ़ाई करने वाली छात्राएं शिकायत लेकर पहुंची थी। उन्होंने बताया था कि दिलशाद और आलोक ने एम्स में नर्स की नौकरी लगाने के नाम पर 4 से 5 लाख रुपए लिए थे। हमने यह राशि उनके गूलल पे, इंनटरनेट बैंकिग के जरिए उनके खाते में जमा किए हैं। आरोपियों ने छत्राओं को एम्स के डारेक्टर का करीबी बताते थे।

पांच बीवियों के शौक में बना अपराधी
जानकारी के मुताबिक, इस गैंग का मुख्य सरगना दिलशाद खान है। उसने पुलिस को इस अपराध को करने के पीछे की जब वजह बताई तो सब हैरान थे। उसने कहा सर मैं क्या करता, मैंने पांच निकाह किए हैं, उनके शौक इतने महंगे है कि मुझे जल्द ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में यह सब कर गया। आरोपी दिलशाद की एक पत्नी का जबलपुर में निजी अस्सपताल भी है।

कइयों को थमा दिए थे फर्जी ऑफर लेटर
आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने लड़कियों को भरोसा दिलाने के लिए न सिर्फ फर्जी चयन सूची बनाई , बल्कि चंडीगढ़, दिल्ली और भोपाल एम्स में फर्जी भर्ती के नियुक्त पत्र भी तैयार किए थे। उन्होंने कई छत्राओं को भर्ती का ऑफर लेटर भी थमा दिया, जो बाद में जांच करने पर फर्जी निकले।

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