सायबर सुरक्षा को लेकर सावधान रहने की जरूरत-डॉं वरूण कपूर

इंदौर

इंदौर: (“Black Ribbon Initiative” “संकल्प” के तहत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉं. वरूण कपूर द्वारा द विनर्स इन्स्टिट्यूट, इंदौर में “सायबर अपराध एवं सायबर सुरक्षा” विषय पर 660वीं कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें इन्स्टिट्यूट के 362 छात्र-छात्रायें एवं 08 व्याख्यातागण सम्मिलित हुए ।
कार्यशाला में डॉ. कपूर द्वारा सायबर अपराध से बचाव के लिये सभी को साझा प्रयास करने का आव्हान करते हुये बताया कि सायबर अपराध एक वैश्विक समस्या है । इससे बचाव के लिये सायबर सुरक्षा अहम है । तकनीकी विकास के इस दौर में इसके अपराधिक व सुरक्षा के पहलुओं को समझना एवं समाधान निकालना जरूरी है । सायबर अपराधियों के हमलों से बचाव के लिये प्रत्येक व्यक्ति को जानकार के साथ ही जागरूक बनना होगा । सायबर स्पेश का उपयोग करते समय हम गलती से गलती कर अपराधी बन सकते हैं । हमारे दैनंदिन के कार्यो में कम्प्यूटर एवं स्मार्ट फोन का उपयोग आम हो गया है । ऐसे में खतरा हमेशा बना रहता है । हमारी जरा-सी असावधानी हमें सायबर अपराध की घटना का शिकार बना सकते है । स्मार्ट फोन हो या कंप्यूटर हमें सायबर सुरक्षा को लेकर सावधान रहने की जरूरत है । प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन इंटरनेट का उपयोग कर रहा है । हम अपने दैनिक कार्यो के साथ ही सोशल मिडिया, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से दुनिया के किसी भी हिस्से में अपनी पहुच बना रहा है । यह प्रोद्यौगिकी एक वरदान होने के साथ ही इससे हमारे लिये कई खतरे भी है । अपराधी वर्ग सायबर अपराध बुलिंग, स्टॉकिंग, फिशिंग एवं ग्रुमिंग आदि के माध्यमों से सायबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं । सायबर अपराध से बचाव के लिये सुरक्षा मानदण्डों को ध्यान में रखें । अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें । अनजान लिंक पर क्लिक न करें । अनजान विडियो कॉल स्वीकार न करें । किसी के भी लालच/प्रलोभन से बचे । पिन नम्बर एवं पासवर्ड किसी से भी साझा न करें आपत्तिजनक, धमकाने अथवा ब्लेकमेल करने की स्थिति होने पर तत्काल अपने अभिभावकों एवं पुलिस को सूचित करें । सोशल मीडिया, ईमेल अकाउंट, नेट बैंकिंग, ई-वालेट आदि के पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें और किसी से शेयर न करें । सतर्क एवं जिम्मेदारी के साथ सायबर स्पेश का उपयोग करें । डॉं. कपूर ने छात्र-छात्राओं आग्रह किया कि वे स्व-नियंत्रण रखे । युवाओं के सोशल मीडिया, ऑनलाईन गेमिंग की आदत घातक हो सकती है। ऑन-लाईन गेमिंग में ज्यादा समय व्यतीत करने के कारण गेमिंग डिसआर्डर का भी शिकार हो रहे हैं । इससे बचने के लिये ऑनलाईन गेमिंग कंटेंट एवं समय निर्धारण करें । अपने माता-पिता और गुरूजनों द्वारा की जाने वाली निगरानी को सहज रूप से स्वीकार करें जो आपके लिये हित में है।
डॉं. वरूण कपूर द्वारा छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा का समाधान सहजता से किया गया। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्रों क्रमशः अभय एवं संतोष को डॉं. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया । कार्यक्रम के अंत में इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर आदित्य पटेल द्वारा डॉं. वरूण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेट किया गया।
सेमिनार के सफल संचालन में सहा. सेनानी नीति दण्डोतिया, निरीक्षक पूनम राठौर एवं उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

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