इंदौर की लंदन विलाज टाउनशिप मेें डिपो मैनेजर के यहां हुई डकैती के बाद बदमाश धार की तरफ भागे, उसका सुराग पुलिस को लूटी गई डिपो मैनेजर की कार से मिलता रहा। धार रोड के टोल नाके पर कार से फास्टटैग से टोल चार्ज कटा। उसका एसएमएस डिपो मैनेजर के मोबाइल पर आया।
सरदारपुर टोल नाके से पहले बदमाश कार छोड़कर भाग गए। पुलिस को आशंका है कि बदमाश डकैती के लिए दूसरे वाहन से आए थे। डिपो मैनेजर की कार छोड़ने के बाद बदमाशों ने उसी वाहन का उपयोग किया। बदमाशों ने शुक्रवार सुबह इंडियन आयल कंपनी के डिपो मैैनेजर के यहां डाका डाला था। वहां से वेे जेवर, नकद रुपये और कार लूट कर ले गए थे।
पुलिस ने वारदात वाले दिन क्षेत्र में रात को घूम रही एक सफेद कार की भी जांच के दायरे में लिया है। पुलिस को आशंका है कि लूट के बार बदमाश सुपर काॅरिडोर से गांधी नगर, बिजासन मंदिर के पास से बने रास्ते से धार रोड की तरफ भागे और राजगढ़ क्षेत्र मेें उन्होंने मैनेजर के घर से लूटी गई कार छोड़ दी। बदमाशों की बोली और लोकेशन के हिसाब से पुलिस अफसर मान रहे है कि बाग-टांडा क्षेत्र की गैंग ने डकैती डाली है। डीसीपी पंकज पांडे ने बताया कि जो सुराग मिले है। उसके आधार पर टीमें रवाना की गई है।
पिछले साल लूट के लिए आई गैंग पर शक
टाउनशिप में पिछले साल भी तीन-चार बदमाश लूट के इरादे से आए थे। उनके हाथ में हथियार थे और उन्होंने दो-तीन मकानों के दरवाजे तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन रहवासियों के जाग जाने के कारण वे भाग खड़े हुए। शुक्रवार को हुई डकैती के दौरान भी टाउनशिप के दो-तीन घरों में ताक-झाक की। इसके बाद उन्होंने पुष्पेंद्र मित्तल के घर को डकैती के लिए चुना। पिछले साल लूट के लिए आए बदमाशों के सीसीटीवी फुटेज से पुलिस बदमाशों का मिलान कर रही है।
इलाकों से परिचित थे बदमाश
डकैती करने आए बदमाश क्षेत्र की गलियों और सड़कों से परिचित थे। टाउनशिप से निकलने के बाद दो तरफ रास्ते जाते है,लेकिन उन्होंने इंदौर-उज्जैन रोड की तरफ जाने वाला रास्ता चुना। सालभर पहले टाउनशिप में कुछ रोहाउसेस बनाए गए थे। उनके निर्माण के लिए आए श्रमिक टाउनशिप में ही रहते थे। पुलिस को आशंका है कि श्रमिक परिवारों के किसी सदस्य का डाथ डकैती के पीछे हो सकता है।