खजुराहो नृत्य महोत्सव 2024: कलाकारों ने दी छाऊ-ओडिसी, कथक और कुचिपुड़ी डांस की प्रस्तुति, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

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खजुराहो: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो में विश्वविख्यात ’50वां खजुराहो नृत्य समारोह’ के पांचवें दिवस शनिवार को कला के विविध आयामों का संगम हुआ। खजुराहो नृत्य समारोह नृत्य और समकालीन कलाओं का एक ऐसा गुलदस्ता है, जिसके गुलों की सुगन्ध दिन-प्रतिदिन कलानुरागियों के मानस को तिलिस्मी दुनिया में लिए जा रही है। एक ऐसी दुनिया जहां की आबो-हवा में भारतीय संस्कृति के संस्कार हैं, जहां आकार को साकार किया जाता है, जहां सात्विकता है शुद्धता है, जहां नव रसों और भावों का समावेश है।

नृत्य प्रस्तुतियों के तहत पांचवे दिन पंचानन भुयान, आराधना ओडिसी डांस फाउंडेशन, दिल्ली का छाऊ-ओडिसी, अमीरा पाटनकर एवं साथी, पुणे का कथक, राजश्री होल्ला एवं रेखा सतीश, बैंगलोर का कुचिपुड़ी और अनु सिन्हा एवं साथी, दिल्ली का कथक देख दर्शक मुग्ध हो गए। पहली प्रस्तुति में गुरु पंचानन भुयान और उनके समूह का छाऊ-ओडिसी नृत्य हुआ। श्री पंचानन ने अपने नृत्य की शुरुआत मंगलाचरण से की। शांताकारं भुजगशयनम श्लोक पर भगवान विष्णु को याद किया गया। मर्दल की ताल पर नर्तकों ने भाव प्रवण ढंग से यह प्रस्तुति दी।

अमीरा पाटनकर और साथियों की कथक नृत्य की प्रस्तुति

दूसरी प्रस्तुति पुणे की सुश्री अमीरा पाटनकर और उनके साथियों की कथक नृत्य की रही। उन्होंने राम वंदना से अपने नृत्य का आरंभ किया। मंगलाचरण स्वरूप की गई इस रचना में सीता स्वयंवर सेतु लंघन, रावण दहन की लीला को सुश्री अमीरा व साथियों ने बड़े ही सलीके से नृत्य भावों से पेश किया। अगली प्रस्तुति चतुरंग की थी। राग देश की इस रचना में तराना सरगम, साहित्य, नृत्य के बोलों का अनोखा और सुंदर समन्वय देख दर्शक मुग्ध हो गए।

राजश्री होल्ला और रेखा सतीश की जोड़ी ने किया कमाल

अगले क्रम में बैंगलोर से आईं राजश्री होल्ला और रेखा सतीश की जोड़ी ने भी अपने कुचिपुड़ी नृत्य से खूब रंग भरे। उन्होंने बतौर मंगलाचरण गणेश वंदना से नृत्य का आगाज किया। आदत और सेत्तो नाता रागम की इस रचना में राजश्री और रेखा ने भगवान गणेश की बुद्धिमता को भावों से सब के सामने रखा।

भगवान राम की दिखाई महिमा

सभा का समापन दिल्ली से पधारीं डॉ. अनु सिन्हा और उनके साथियों के कथक नृत्य से हुआ। उन्होंने मंगलाचरण में गणेश वंदना से नृत्य का आरंभ किया। राग देश और चोटी की बंदिश-प्रथम सुमिरन श्री गणेश…के जरिए उन्होंने भगवान गणेश की बुद्धिमता शक्ति और समृद्धि को भावों में पिरोकर पेश किया। अगली प्रस्तुति में उन्होंने “जय राम रमा” पर भगवान राम की महिमा को सामने रखा।

गढ़वी गायन ने बांधा समां

इससे पहले खजुराहो नृत्य समारोह परिसर में चौथे दिन महाराष्ट्र का सोंगी मुखौटा और भाविक दान एवं साथी, गुजरात द्वारा गढ़वी गायन की प्रस्तुति दी गई। जिसमें उन्होंने सोनबाई आई के गीत…,पीठड आई के गीत…, शिवाजी महाराणा प्रताप और चारणी भाषा में दोहा और छंद प्रस्तुति दी।

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