पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा कर जदयू से मुद्दा भी छीना

Uncategorized देश राजनीति

वह जमाना कांग्रेस का था। तब अगड़ी जातियों का वर्चस्व था। उसी दौर में कर्पूरी ठाकुर न केवल उभरे, बल्कि हर वर्ग में अपनी छाप छोड़ी। आज भले जातिगत जनगणना के कारण जातियां बंटी हुई नजर आ रही और जातीय राजनीति के लिए सभी दल ऐसे कार्यक्रम कर पुराने दिग्गजों को भी जाति-वर्ग में बांट रहे हैं, लेकिन उस जमाने में हर श्रेणी ने कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ कहा-माना। लेकिन, अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जन्मशती के एक दिन पहले उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की तो इसके राजनीतिक मायने की चर्चा लाजिमी है। लाजिमी इसलिए भी, क्योंकि इस समय केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के बीच ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ वाली परिस्थिति है।

नीतीश कुमार की बातों का अर्थ समझें
पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की। इसे सही निर्णय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा। उन्होंने कहा- “मैं हमेशा से स्व. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग करता रहा हूं। आज जननायक को यह सम्मान दिए जाने से मुझे हार्दिक खुशी है।”

जदयू को दिया उपहार, जानें कितना बड़ा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो खुशी जताई, उसके एक-एक शब्द से पता चलता है कि वह अंदर से खुश हैं। जदयू की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने की खुशी भी है। लेकिन, बात सिर्फ इतनी ही नहीं। जदयू में पिछले दिनों जब राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के हटने की बात आ रही थी, तो एक नाम सुर्खियों में आया था- रामनाथ ठाकुर। जदयू के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर जननायक कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। रामनाथ ठाकुर नहीं, नीतीश कुमार जदयू अध्यक्ष बने। उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। लेकिन, आज का दिन रामनाथ ठाकुर समेत पूरे जदयू के लिए उत्सव का दिन है। गृह राज्य बिहार के साथ गृह जिला समस्तीपुर के लिए भी। इस उपहार के कारण जदयू-भाजपा के बीच रिश्तों में थोड़ी नरमी आएगी और कोई आश्चर्य नहीं कि जैसे सीएम ने विज्ञप्ति जारी कर केंद्र सरकार के फैसले पर प्रसन्नता जताई, कल पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर कर्पूरी जन्मशती समारोह के दौरान भी वह इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताएं।

जदयू ही नहीं, राजद से भी छीन लिया मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के नाम भारत रत्न की घोषणा की तो एक साथ बिहार के दोनों सत्तारूढ़ दलों से कल पटना में होने वाले कार्यक्रम का बड़ा मुद्दा छिन गया। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू यह मांग दुहराती। अब नहीं दुहरा सकेगी। उलटा, आभार ही जताना पड़ेगा। लेकिन, बात इतनी ही नहीं है। भाजपा इसे पिछड़ी जातियों के लिए पार्टी में सम्मान का प्रमाण बताएगी। दूसरी तरफ, राजद-जदयू इस बात पर हमलावर कम होगा कि भाजपा के राज में पिछड़ों का सम्मान नहीं होता। देश का सर्वोच्च सम्मान मिलते ही अब कल के कार्यक्रम के लिए सभी पार्टियों और नेताओं को स्क्रिप्ट बदलने की भी जरूरत दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *