प्रदीप जायसवाल के नाम पर भाजपा में अंतर्कलह, वारासिवनी में नहीं निकली जन आशीर्वाद यात्रा

राजनीति

बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के भाजपा में शामिल होने की खबर सरगर्म है। जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में व्यापक स्तर में आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने पहले प्रत्याशी की घोषणा फिर जन आशीर्वाद यात्रा की मांग बुलंद की थी। कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए वारासिवनी विधानसभा में जन आशीर्वाद यात्रा नहीं निकाली।    

वर्तमान में प्रदीप जायसवाल वारासिवनी विधानसभा से निर्दलीय विधायक के साथ खनिज विभाग निगम के अध्यक्ष हैं। निर्दलीय विधायक के रूप में उन्होंने प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को समर्थन दे रखा है। प्रदीप जायसवाल साल 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी से विधायक थे।  2013 में उन्हें भाजपा प्रत्याशी डॉ. योगेन्द्र निर्मल से पराजय का सामना करना पड़ा था। 2018 में कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भाजपा प्रत्याशी डॉ योगेन्द्र निर्मल को लगभग चार हजार मतों से पराजित किया था।

प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में समर्थन दिया था। कांग्रेस पार्टी ने भी उन्होंने कैबिनेट मंत्री बनाया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया था। उनके भाजपा में आने की खबर सरगर्म है। क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता प्रदीप जायसवाल को पार्टी में शामिल करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं। वारासिवनी में आयोजित जन आशीर्वाद यात्रा में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आगमन तय था। पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए अंतिम समय में उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया था।

डॉ. योगेन्द्र निर्मल ने बताया कि अभी तक प्रदीप जायसवाल भाजपा तथा आरएसएस के खिलाफ बोलते रहे। पार्टी के कार्यकर्ता प्रारंभ से उनका विरोध करते आये हैं। उन्हें पार्टी में शामिल कर टिकिट दिया जाता है तो क्षेत्रीय कार्यकर्ता उनका कार्य नहीं करेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि पहले प्रत्याशी की घोषणा की जाए फिर जन आशीर्वाद यात्रा निकाली जाये। क्षेत्रीय पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं को व्यक्तिगत या पत्राचार के माध्यम से आग्रह किया है कि प्रदीप जायसवाल को पार्टी में शामिल नहीं किया जाये।  

पार्टी में शामिल कर उन्हें विधानसभा का टिकट दिया जाता है तो भाजपा के पुराने तथा समर्पित कार्यकर्ता प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि वह 1980 से पार्टी के सदस्य हैं। उस समय कोई पार्टी का सदस्य नहीं बनना चाहता था। हमने गांव-गांव जाकर पार्टी को मजबूत किया। हम साइकिल से कई किलोमीटर का सफर तय करते थे। जनता दल के नेता के डी देशमुख को पार्टी में शामिल करने की बात आई थी स्वर्गीय कुशाभाऊ ठाकरे ने स्वयं आकर पार्टी से नेताओं से चर्चा की थी। विरोध के कारण के डी देशमुख को पार्टी में शामिल नहीं किया गया था। दो साल बाद उन्हें सशर्त पार्टी में शामिल किया गया था। तो अभी तक पार्टी को कोसने व्यक्ति को टिकट दी जाती है, तो हम उसका समर्थन नहीं करेंगे। हम पार्टी में बने रहेंगे जब तक हमें निकाला नहीं जाता है।

भाजपा के जिला अध्यक्ष सत्य नारायण अग्रवाल ने बताया कि निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल भाजपा में शामिल हो रहे हैं,इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। क्षेत्रीय भाजपा नेता प्रदीप जायसवाल के पार्टी के शामिल करने का विरोध कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा नहीं निकाली गयी। प्रदीप जायसवाल के नाम का विरोध पार्टी कार्यकर्ताओं ने खुलेआम कई अवसर पर किया है।

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