क्या बंद हो जाएगी इंदौर की सर्राफा वाली चटोरी गली?, अस्थायी कब्जों से परेशान हैं दुकानदार

इंदौर मध्यप्रदेश

इंदौर के व्यंजनों का स्वाद आज विश्वविख्यात है. खुद पीएम नरेंद्र मोदी भी इंदौर के स्वाद की कई बार अपने मुंह से तारीफ कर चुके हैं. इंदौर में 56 दुकान और सराफा बाजार की गली खाने के दो खास ठिए यानि प्रमुख स्थान कहे जा सकते हैं. लेकिन सराफा बाजार में इन दिनों सबकुछ ठीकठाक नही चल रहा है. यहां स्थानीय व्यापारी अब चौपाटी के नाम पर अवैध कब्जे करने वालों से परेशान हो चुके हैं. कुछ व्यापारी तो चाहते हैं कि यहां की चौपाटी कहीं और शिफ्ट कर दी जाए. 

इंदौर में क्यों उठा विवाद
दरअसल इंदौर में राजबाड़ा पैलेस के ठीक पीछे की ओर सराफा बाजार है. सालों से यहां सराफा चौपाटी लगती आ रही है. इंदौर आने वाला हर शख्स यहां जरूर आता है. वो यहां पर एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट व्यंज्नों का स्वाद चखता है. लेकिन बीते दिनों स्थानीय व्यापारियों और चौपाटी संचालकों के बीच विवाद के हालात बने थे. नौबत यहां तक आ गई थी कि एक व्यापारी पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला भी किया. इस विवाद के बाद यहां अब स्थानीय व्यापारी एसोसिएशन और अतिक्रमणकर्ताओं के बीच विवाद जारी है. 

इंदौर के मध्यक्षेत्र के 13 प्रमुख व्यापारिक संगठन अस्थायी दुकानदारों के कब्जों से परेशान हैं. अपनी इसी समस्या को लेकर सभी संगठन के प्रमुखजन निगम आयुक्त हर्षिका सिंह से मिलने पहुंचे. यहां व्यापारियों ने सड़क पर कब्जे और मूलभूत सुविधाओं का मुद्दा भी उठाया. आयुक्त ने सभी व्यापारियों से जल्द ही क्षेत्र का भ्रमण कर समस्याओं पर ऑन द स्पॉट चर्चा की बात कही है.

आयुक्त को सौंपा ज्ञापन 
इंदौर शहर प्रदेश को औद्योगिक राजधानी है. बावजूद इसके यहां का व्यापारी अपनी समस्याओं को लेकर परेशान होने को मजबूर है. पूरा घटनाक्रम शहर के मध्य क्षेत्र के 13 प्रमुख व्यापारिक संगठनों से जुड़ा है. दरअसल शहर के कपड़ा ,सराफा,रेडिमेड बाजार,बर्तन,बोहरा बाजार और मारोठिया सहित कई व्यापारिक संगठन यहां सड़कों पर किए गए अस्थायी कब्जों से परेशान हैं. व्यापारी सड़कों पर ठेले की बढ़ती संख्या से अपने व्यापार व्यवसाय को प्रभावित होता देख रहे हैं. इसी समस्या को लेकर व्यापारी निगम आयुक्त हर्षिका सिंह से मिलने पहुंचे थे. जहां आयुक्त को अपनी समस्याओं का ज्ञापन सौंपा. 

व्यापारियों ने आयुक्त को बताया कि अस्थायी कब्जों के बीच सड़कों से गुजरना मुश्किल है. सभी व्यापारिक संगठनों से इसी के साथ सबसे अधिक देने टैक्स देने के बावजूद सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी उठाया. व्यापारियों ने कहा कि आज सराफा में मामूली से बारिश में पानी जमा हो जाता है. सराफा चौपाटी के नाम पर असामाजिक तत्वों का डेरा लगता है. बाजारों में पार्किंग और शौचालय का अभाव है. ऐसे में व्यापारी आखिर कैसे व्यापार कर सकेंगे. 

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